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इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ 8 मई से नहीं खुलेगी, मुख्य न्यायाधीश ने स्थगित किया फैसला

इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 8 मई से कोर्ट खोलने के फैसले को स्थगित कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 06:57 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ 8 मई से नहीं खुलेगी, मुख्य न्यायाधीश ने स्थगित किया फैसला
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ 8 मई से नहीं खुलेगी, मुख्य न्यायाधीश ने स्थगित किया फैसला

लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ को आठ मई से खोलने के फैसले को स्थगित कर दिया है। यह निर्णय लखनऊ में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लिया गया है। वहीं, प्रयागराज स्थित हाई कोर्ट की प्रधान पीठ में घोषित कार्यक्रम के अनुसार आठ मई को कोर्ट बैठेगी। इसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। 

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आठ मई से खुली अदालत में दो शिफ्टों में सुनवाई कराने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में हुई न्यायमूर्तियों की प्रशासनिक समिति की बैठक में लिया गया। इसके तहत सुबह 10.30 से 12.30 बजे तक और 1.30 से 3.30 बजे तक आपराधिक व सिविल मामलों की सुनवाई खुली अदालत में की जाएगी, जबकि नए मुकदमे ऑनलाइन व व्यक्तिगत रूप से कार्यालय में दाखिल किए जा सकेंगे। अब हर दाखिल मुकदमे की सुनवाई होगी।

अतिआवश्यक सुनवाई की अर्जी देने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा ग्रीन व ऑरेंज जोन की अधीनस्थ अदालतों को भी खोलने का निर्णय लिया गया है, लेकिन प्रदेश में रेड जोन के तहत आने वाले जिलों में अदालतों को छूट नहीं होगी। वहां पहले की तरह अति आवश्यक मुकदमों की सुनवाई होगी। इसी आधार पर हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ को आठ मई से खोलने के निर्णय को स्थगित कर दिया गया है। 

महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव ने अधिसूचना जारी कर बताया कि 8 मई से अपरान्ह साढ़े दस बजे से साढ़े बारह बजे एवं डेढ़ बजे से साढ़े तीन बजे तक आपराधिक एवं सिविल मामलों की सुनवाई खुली अदालत में की जाएगी। नए मुकदमे ऑनलाइन एवं व्यक्तिगत रूप से कार्यालय में दाखिल किये जा सकेंगे। अब हर दाखिल मुकदमे की सुनवाई होगी। अर्जेंट सुनवाई की अर्जी देने की जरूरत अब नहीं होगी।

महानिबंधक ने बताया कि यह ट्रायल के तौर पर शुरू किया जा रहा है, जिसमें शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। जिन वकीलों के मुकदमे लगे होंगे उन्हें शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अदालतों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। बता दें कोरोना वायरस के प्रकोप व देशव्यापी लॉकडाउन के कारण हाई कोर्ट में अर्जेंट मुकदमों की ही सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की जा रही थी। होली के बाद न्यायालय तीन दिन खुलने के बाद से बंद चल रहा था। इसके बाद लॉकडाउन की वजह से अब तक न्यायालय में अवकाश घोषित किया गया था।


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