एलडीए की सभी संपत्तियों की होगी जियो टैगिंग, गूगल पर दिखेगा कैसे और कितना बढ़ा निर्माण
लखनऊ में एलडीए के अफसरों को दफ्तर में बैठे जियो टैगिंग से देखने को मिल जाएंंगे शहर भर के निर्माण।
लखनऊ, जेएनएन। एलडीए की सभी संपत्तियों की जियो टैगिंग की जाएगी। जिस संबंध मेंं शासन ने एलडीए को तेजी से तैयारी करने को कहा है। जिसको लेकर बैठक भी की गई है।प्राधिकरण अगले छह माह के भीतर अपनी सभी संपत्ति की जियो टैगिंग कर देगा। जिससे देखा जा सकेगा कि आखिर कितना निर्माण कब हुआ, उसमें कितना सही है और कितना गलत किया गया है। ये जानकारियां भी मिलेंगी कि निर्माण किसका है। किस किस के नाम पर कब तक रहा। अवैध निर्माण प्राधिकरण की रडार पर होंगे।
जियो टैगिंग के जरिए प्राधिकरण शहर में चल रही निर्माण गतिविधियों पर नजर रखेगा, वहीं संबंधित क्षेत्र के निगरानी अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय की जा सकेगी। अधिकारी ऑफिस में बैठे-बैठे किसी भी क्षेत्र में हो रही अवैध निर्माण की गतिविधियों को देख सकेंगे। अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के लिए यह प्रक्रिया वरदान साबित होगी। इस संबंध में शासन स्तर पर भी ऐसी ही एक बैठक भी गुरुवार को की गई। इमेज से किसी भी क्षेत्र में हो रही गतिविधियों की जानकारी के जियो टैगिंग के थ्रू हासिल की जा सकती है।
जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण शहर की सभी आवासीय, गैर आवासीय क्षेत्रों को गूगल अर्थ के साथ करके जियो टैंग करने जा रहा है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद कार्यालय में बैठकर अधिकारी संबंधित क्षेत्र में हो रही अवैध गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे। गूगल अर्थ के साथ कनेक्ट होने के कारण गूगल मैप से 5 गुना तक क्लियर पिक्चर कंप्यूटर पर देखी जा सकती है। क्षेत्र को जियो टैगिंग से कनेक्ट करने के बाद अवैध निर्माणों पर अंकुश लगेगा। एमडीए सचिव राजकुमार ने बताया कि कार्यालय में बैठकर कम्प्यूटर पर विभिन्न क्षेत्रों में हो रही निर्माण की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है।