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लखनऊ में जुमे की नमाज में फरंगी महली की मौजूदगी में पढ़ा गया निकाह का इकरारनामा, शाइस्ता अंबर बोलीं- अच्छी तालीम देने की जरूरत

लखनऊ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील के समर्थन में मस्जिदों में जुटे समाज के लोग। फरंगी महली ने कहा-निकाह सिर्फ कोई रस्म नहीं बल्कि एक इबादत है। ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि अच्छी तालीम और संस्कार देना जरूरी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 02:24 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 02:33 PM (IST)
लखनऊ में जुमे की नमाज में फरंगी महली की मौजूदगी में पढ़ा गया निकाह का इकरारनामा, शाइस्ता अंबर बोलीं- अच्छी तालीम देने की जरूरत
लखनऊ: फरंगी महली ने कहा-निकाह सिर्फ कोई रस्म नहीं, बल्कि एक इबादत है।

लखनऊ, जेएनएन। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद निकाह का इकरारनामा पढ़ा गया। 'आसान व सुन्नत निकाह मुहिम' के तहत निकाह के संबंध में 11 बिंदुओं वाले इकरारनामे को जारी किया गया। जुमे के खुत्बे से पहले देशभर की मस्जिदों के साथ राजधानी की ऐशबाग स्थित जामा मस्जिद में भी नमाज पढ़ी गई। नमाज के बाद मुसलमानों ने इस इकरारनामे पर हस्ताक्षर करके मुहिम को सफल बनाने का संकल्प लिया। 

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ऐशबाग ईदगाह स्थित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि निकाह सुन्नत तरीके से किया जाए, क्योंकि निकाह किसी रस्म का नाम नहीं, बल्कि उसको एक इबादत का दर्जा प्राप्त है। किसी भी इबादत में नाजायज या हराम काम नहीं किया जा सकता। इस इकरारनामे के माध्यम से मुसलमानों को बोर्ड ने ये भी सलाह दी कि निकाह के समारोह या वलीमा में किसी भी प्रकार का नाच गाना या आतिशबाजी बिल्कुल न की जाए। निकाह समारोह को सादगी के साथ कम खर्च में किया जाए। वक्त की पाबंदी का भी विशेष ध्यान रखा जाए। 

मौलाना ने कहा कि इस इकरारनामे में ये भी जोर दिया गया है कि इस्लामी शरीयत के आदेश के मुताबिक, दूल्हे को चाहिए कि वह दुल्हन का महर तुरंत अदा करे और इस बात को भी सुनिश्चित करे कि निकाह के बाद शरीयत के अनुसार मियां-बीवी अपना जीवन बिताएंगे। शरीयत के अनुसार, बेटियों को विरासत में जो अधिकार मिला है उससे उनको महरूम करके गुनहगार न बनें, बल्कि बेटियों को शरई अधिकार जरूर दें। 

 

तालीम और संस्कार भी देना जरूरी : शाइस्ता अंबर 

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि इकरारनामा को पढऩा और हस्ताक्षर करने की मुहिम सराहनीय है, लेकिन आधी आबादी को अधिकार देने के लिए उनको बिना भेदभाव के अच्छी तालीम और संस्कार देना जरूरी है, जिससे आधी आबादी खुद भी अपने पैरों पर खड़ी हो सके। कुरआन पाक में भी इंसानियत के बारे में लिखा गया है, जिसका पालन सभी को करना चाहिए। 


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