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डिजिटल लर्निंग के लिए यूपी के सभी परिषदीय स्कूलों को मिलेंगे टैबलेट, पढ़ाई को रोचक बनाने पर जोर

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने यूपी में बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए 8609.62 करोड़ की कार्ययोजना को मंजूरी दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 06:30 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 06:30 PM (IST)
डिजिटल लर्निंग के लिए यूपी के सभी परिषदीय स्कूलों को मिलेंगे टैबलेट, पढ़ाई को रोचक बनाने पर जोर
डिजिटल लर्निंग के लिए यूपी के सभी परिषदीय स्कूलों को मिलेंगे टैबलेट, पढ़ाई को रोचक बनाने पर जोर

लखनऊ, जेएनएन। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में समग्र शिक्षा के तहत उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए 8609.62 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी दी है। कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में पढ़ाई को डिजिटल लर्निंग की ओर ले जाने पर जोर दिया गया है। स्वीकृत कार्ययोजना में परिषदीय स्कूलों में बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने और बच्चों की डिजिटल लर्निंग के लिए सभी विद्यालयों को टैबलेट मुहैया कराने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। सभी एकेडमिक रिसोर्स पर्सन को भी टैबलेट उपलब्ध कराये जाएंगे।

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बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भवन निर्माण और विस्तार के अलावा फर्नीचर के लिए 488.61 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में सभी उच्च प्राथमिक स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध हो जाएंगे। पेयजल, बिजली की सुविधा के अलावा स्कूलों में 1688 अतिरिक्त क्लासरूम, करीब 1200 जर्जर स्कूल भवनों के पुनर्निर्माण, छात्राओं की अधिक संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में इंसिनरेटर की व्यवस्था के लिए भी प्रावधान किया गया है। पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए परिषदीय विद्यालयों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों को तैयार करने और इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को खेल आधारित शैक्षिक गतिविधियों का प्रशिक्षण देने के लिए भी प्रस्ताव मंजूर किये गए हैं।

मंत्री डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि स्वीकृत कार्ययोजना में इंटरेक्टिव लर्निंग और अंकज्ञान को सहज बनाने के लिए न्यूमेरिकल लिटरेसी के लिए धनराशि मंजूर की गई है। कार्ययोजना को अमली जामा पहनाने के बाद स्कूल खुलने पर उनका स्वरूप बदला नजर आएगा। कक्षाओं में पोस्टर, संवाद चार्ट, गणित किट, प्रिंटेड शैक्षिक सामग्री व मॉडल, नई शिक्षक डायरी व रजिस्टर नजर आएंगे तो पुस्तकालय और रीडिंग कार्नर अधिक समृद्ध दिखेंगे। छात्रों व शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए दीक्षा कंटेंट सेल की स्थापना की गई है, जो पाठ्य सामग्री से जुड़े रोचक वीडियो व डिजिटल कंटेंट बनाएगी। 

खंड शिक्षा अधिकारियों के दफ्तरों में एमआइएस कोआर्डिनेटर और ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर रखने की व्यवस्था स्वीकृत की गई है। परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों के आधार कार्ड बनवाने और उनका सत्यापन कराने के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है। इस शैक्षिक सत्र में सभी बच्चों का आधार डेटा तैयार हो जाएगा।

किस मद में कितनी धनराशि मंजूर

  • स्कूलों में उपकरणों, शैक्षिक सामग्री, रखरखाव और स्वच्छता एक्शन प्लान के लिए कंपोजिट ग्रांट के तौर पर 574 करोड़ रुपये
  • बच्चों को निश्शुल्क यूनिफॉर्म के लिए 927 करोड़ रुपये
  • निश्शुल्क किताबों के लिए 532.57 करोड़ रुपये
  • स्कूलों में गुणवत्ता सुधार के लिए 331.99 करोड़ रुपये
  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 145 करोड़ रुपये
  • आउट ऑफ स्कूल बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देकर आयुसंगत कक्षा में दाखिला दिलाने के लिए 48 करोड़ रुपये
  • दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए 'समर्थ' प्रणाली के तहत 57 करोड़ रुपये
  • शिक्षकों को बुनियादी और उपचारात्मक शिक्षा में प्रशिक्षण देने के लिए 19 करोड़ रुपये
  • स्कूलों में पुस्तकालयों के लिए 10.24 करोड़ रुपये
  • छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए 25.95 करोड़ रुपये

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