अंबेडकर विवि के पूर्व कुलपति के भुगतान के मामले में सभी आरोपित बरी, मानव संसाधन मंत्रालय ने उठाए थे सवाल
बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में पूर्व कुलपति प्रोफेसर आरसी सोबती को हुए भुगतान के मामले में प्रक्रिया गत कमी नहीं पाई गई। इसके साथ ही विवि से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोर्ड ने अपना फैसला सुनाया है।
लखनऊ, जेएनएन। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.आरसी सोबती को गलत भुगतान को लेकर मानव संसाधन मंत्रालय ने सवाल उठाए थे और भुगतान प्रक्रिया की जांच कराने की बात कही थी, उस पर बुधवार को बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक ने अपना निर्णय सुनाकर मामले को समाप्त कर दिया है। अब उनके खिलाफ लगाए गए आरोप भी समाप्त् हो जाएंगे। बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में पूर्व कुलपति प्रोफेसर आरसी सोबती को हुए भुगतान के मामले में प्रक्रिया गत कमी नहीं पाई गई। इसके साथ ही विवि से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोर्ड ने अपना फैसला सुनाया है।
वित्त अधिकारी रमा शंकर सिंह को सेवानिवृत्त होने से पहले सभी देय भुगतान करने पर भी मुहर लगा दी गई। वह 22 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अंबेडकर विवि में स्थापित अंबेडकर चेयर को शुरू करने और उसमे रिक्त स्थानों को भरने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई। कुलपति प्रो.संजय सिंह की अध्यक्षता में अंबेडकर भवन में हुई बैठक में कई सदस्य शामिल हुए। हालांकि विवि की प्रवक्ता डॉ.रचना गंगवार ने बैठक के एजेंडे के बारे में जानकारी से इंकार किया है।
अंबेडकर विवि में कोरोना की दस्तक
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विवि में भी कोराेना ने दस्तक दे दी है। एक प्रोफेसर के पूरे परिवार की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। कई शिक्षकों ने जांच कराई है और उन्हें रिपोर्ट का इंतजार है। कुलपति प्रो.संजय सिंह की ओर से सभी मुख्य गेटों पर थर्मल स्कैनिंग करने और बगैर मास्क के अंदर न आने के निर्देश दिए हैं। आने वाले हर व्यक्ति का रिकाॅर्ड और तापमान रिजस्टर में दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
एमएसी न्यूक्लियर की सूची में गड़बड़ी का आरोप
एमएसी न्यूक्लियर विषय की हुई काउंसिलिंग में परीक्षार्थी ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उसका आरोप है कि पहली सूची में उसका नाम सातवें नंबर पर था, लेकिन अचानक उसी पुरानी सूची के ऊपर चार नए नाम जोड़ दिए गए और उसका नाम 11वें नंबर पर चला गया है। उसका आरोप है कि यदि नई सूची जारी हुई है तो संशोधित लिखना चाहिए। वाराणसी से आए अभ्यर्थी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से शिकायत की बता कही है।