UP के बाराबंकी में अखिलेश यादव बोले- पंचायत चुनाव प्रभावित करना चाहती है सरकार
Akhilesh Yadav in Barabanki सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाराबंकी में किया बेनी प्रसाद वर्मा की छह फिट ऊंची प्रतिमा का अनावरण। कहा वैश्विक महामारी के जरिये लोगों के अधिकार छीन रही है भाजपा।
बाराबंकी, जेएनएन। Akhilesh Yadav in Barabanki: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी के जरिये भाजपा लोगों के अधिकार छीन रही है। सरकार इसके जरिये पंचायत चुनाव प्रभावित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि लोगों की नौकरी चली गई। डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं। महंगाई बढ़ रही है। जनता सरकार के खिलाफ आवाज न उठाए, इसलिए तमाम प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि बंगाल में चुनाव हैं, लेकिन वहां कोई वैश्विक महामारी नहीं है।
सपा अध्यक्ष ने शनिवार को समाजवादी नेता बेनी प्रसाद वर्मा की पहली पुण्य तिथि के मौके पर उनकी मूर्ति के अनावरण के बाद आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहा कि तीन नए कृषि कानूनों के जरिये भाजपा ने किसानों के अधिकार छीन लिए हैं। यह कानून लागू रहे तो किसानों की जमीन छिन जाएगी। उन्होंने कहा कि हम कृषि कानूनों का विरोध करेंगे और जब भी मौका मिला इस कानून को खत्म करेंगे। अखिलेश ने बेनी के बहाने कुर्मी वोटरों को साधने की कोशिश करते हुए मंच से कहा कि जिस प्रकार राजनीति में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का बाबूजी (बेनी प्रसाद वर्मा) के साथ भावनात्मक रिश्ता था, उसी तरह मेरा और उनके बेटे राकेश वर्मा का रिश्ता है। अखिलेश ने कहा कि 2022 के चुनाव में पहले से ज्यादा कठिन लड़ाई है, इसलिए हमें ज्यादा मेहनत करनी हैं और सतर्क रहना है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग लगातार सरकारी चीजें बेच रहे हैं।
कभी अपनी बात से नहीं पलटते थे बेनी: अखिलेश ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा हमेशा समाजवादी सोच के साथ रहे। वह एक बार जो बात कहते थे, वही करते थे। अपनी बात से कभी नहीं पलटते थे। उन्होंने कहा कि बाराबंकी समाजवादी जिला है। बाराबंकी जिले में जब भी सपा जीतती हैं तो सरकार बनती है।
दरियाबाद से वर्ष 1974 में राजनीतिक सफर की शुरुआत: गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने अपनी कार्यशैली को लेकर सदैव चर्चा में रहे। वह ताउम्र विकास की पटकथा लिखते रहे। इसी कार्यशैली के चलते उन्होंने जिले के विकास पुरुष की ख्याति अर्जित की। दरियाबाद से वर्ष 1974 में राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले बेनी बाबू ने गांव से दिल्ली तक की राजनीति में दखल रखा। उन्होंने गांव को ब्लाक व तहसील का दर्जा दिलवाने के साथ ही जिले में सड़कों का जाल बिछाया, बेरोजगारों को रोजगार दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई।
कैसरगंज से चार बार रहे सांसद : उन्होंने वर्ष 1970 में बुढ़वल चीनी मिल के केन यूनियन के चेयरमैन से अपने सियासी सफर की शुरुआत की। वर्ष 1974 में दरियाबाद से पहली बार विधायक चुने जाने के बाद वर्ष 1977, 1980 और 1985 में मसौली से विधायक चुने गए। वह कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी यहां से सांसद रहे। केंद्र सरकार में संचार मंत्री और केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे।
दोस्ती के लिए ठुकराई थी सीएम की कुर्सी : बेनी बाबू ने दोस्ती के लिए सीएम की कुर्सी ठुकरा दी थी। पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष अखिलेश वर्मा बताते हैं कि रालोद के अजीत सिंह, मुलायम सिंह को सीएम बनाने के पक्ष में नहीं थे। बेनी बाबू का नाम सीएम पद के लिए आगे किया गया। बैठक भी हो गई। लेकिन जब बाबू जी को यह पता चला तो उन्होंने मुलायम सिंह की दोस्ती के कारण सीएम पद को ठुकरा दिया।
यह रही बड़ी उपलब्धियां : उन्होंने अपने पैतृक गांव सिरौलीगौसपुर को न सिर्फ ब्लाक और तहसील का दर्जा दिलवाया, बल्कि जिले में विकास कार्यों की झड़ी लगा दी। जिले में सड़कों का जाल बिछाने, टेलीफोन की लाइन बिछाने और पुलों का निर्माण कराने के लिए उनको याद किया जाता है। शिक्षक शिव नारायण वर्मा बताते हैं कि सिरौलीगौसपुर तहसील, राजकीय इंटर कालेज, 100 शैय्या बेड, महमूदाबाद अस्पताल समेत एक दर्जन पीएचसी का निर्माण कराया।