लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव का कांग्रेस को तगड़ा ट्रेलर, खतरे में महागठबंधन
राजस्थान में समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव मैदान में है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस को बड़ा सबक दिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी के साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी में लगे विपक्ष को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तगड़ा झटका दिया है। उनकी पार्टी राजस्थान में अकेले चुनाव मैदान में है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को बड़ा सबक दिया है। अखिलेश ने साफ कहा कि अगर 'साइकिल' को रोकोगो को हम उसके हैंडल से 'हाथ' को हटा देंगे।
भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देने की तैयारी में लगी राहुल गांधी की कांग्रेस को बसपा मुखिया मायावती के बाद अब समाजवादी पार्टी से भी तगड़ी चेतावनी दी है। उनकी इस चेतावनी के बाद 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन में बड़ी दरार पड़ती दिख रही है। अखिलेश यादव ने 'महागठबंधन' बनने पर कांग्रेस को कहा कि अगर साइकिल (एसपी का चुनाव चिन्ह) को रोकोगे तो आपका हाथ (कांग्रेस का चुनाव चिन्ह) हैंडल से हटा दिया जाएगा।
अखिलेश यादव कल छत्तीसगढ़ में अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने भी तय किया है कि साइकिल को रोकोगे तो आपका हाथ हैंडल से हटा दिया जाएगा। कंट्रोल और किसी के हाथ में हो जाएगा। अखिलेश ने इस बयान से साफ संकेत दे दिया है कि 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन की राह अब मुश्किल नजर आ रही है। अगर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी की सहमति से अलग कोई फैसला लिया, तो संभव है कि कांग्रेस को पार्टी बड़ा झटका दे सकती है।
अखिलेश यादव शुरू से ही यूपी में महागठबंधन की वकालत करते रहे हैं। माना जा रहा था कि 2019 से पहले चार राज्यों के राज्य विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व कांग्रेस साथ मिलकर लड़ेंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन होगा। चार राज्यों में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर मतभेद के बाद बसपा ने सख्त तेवर अपनाते हुए अकेले चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया। अखिलेश यादव ने भी इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए निशाना साधना शुरू कर दिया। इसके बाद ही महागठबंधन की तैयारी दम तोड़ती दिखने लगी थी। अखिलेश यादव अब भाजपा और कांग्रेस दोनों पर बराबर हमलावर हैं। छत्तीसगढ़ में चुनावी रैलियों में भी उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर हमला बोला। अखिलेश ने चुनावी सभा में दो टूक कहा कि भाजपा और कांग्रेस के नेता सब एक दूसरे से मिले हुए हैं। गरीब, किसान व नौजवानों की किस्मत बनाने में उनकी कोई रुचि नहीं है।
अखिलेश ने बयान से साफ संकेत दिया है कि 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन की राह मुश्किल है। अगर कांग्रेस ने सपा की सहमति से अलग कोई फैसला लिया, तो संभव है कि कांग्रेस को सपा बड़ा झटका दे दे। गठबंधन में सीटों को लेकर मायावती कितना गंभीर हैं, इसका अंदाजा पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में उनके कदम से लग जाता है। मायावती ने यहां गठबंधन न करने के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाया है। उन्होंने सीट शेयरिंग में बसपा को उचित हिस्सा नहीं दिए जाने की बात कहकर ऐलान कर दिया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा।