विकास दुबे के बाद यूपी पुलिस की कस्टडी से पिस्टल छीन कर भागा फिर एक अपराधी ...और एनकाउंटर
लखनऊ के चर्चित विभूतिखंड इलाके में मऊ के मोहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपित शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर सोमवार तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। शूटर गिरधारी को पुलिस हत्याकांड में इस्तेमाल असलहा बरामदगी के लिए ले जा रही थी।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपित शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर के पुलिस एनकाउंटर ने विकास दुबे की याद दिला दी। यूपी पुलिस ने गिरधारी को 13 फरवरी की सुबह 11 बजे तीन दिन की रिमांड पर लिया था। सोमवार तड़के तीन बजे पुलिस अभिरक्षा से पिस्टल छीन कर फरार होने की कोशिश की और मारा गया। यह पूरा घटनाक्रम ठीक वैसे ही हुआ जैसा कुख्यात विकास दुबे के एनकांउटर के वक्त घटित हुआ था। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे ने भी पिस्टल छीन कर पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश की और मारा गया था।
राजधानी लखनऊ के चर्चित विभूतिखंड इलाके में मऊ के मोहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपित शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर सोमवार तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। शूटर गिरधारी को पुलिस हत्याकांड में इस्तेमाल असलहा बरामदगी के लिए ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में गिरधारी ने पुलिस की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की और फायरिंग करने लगा। पुलिस की जवाबी फायरिंग में वह मारा गया।
दारोगा के चेहरे पर सिर से वार कर किया घायल : असलहा बरामदगी के लिए विभूतिखंड थाने की पुलिस टीम गोमतीनगर खरगापुर की ओर गिरधारी को लेकर जा रही थी। टीम ने जैसे ही खरगापुर रेलवे क्रासिंग के पास गाड़ी रोकी और टीम के साथ गिरधारी उतरने लगा। एकाएक उसने सिर झटकते हुए से दारोगा अख्तर उस्मानी के चेहरे पर प्रहार किया। नाक पर सिर के प्रहार दारोगा को गंभीर चोट आई। दारोगा अख्तर उस्मानी खून से लथपथ हो गए। पुलिस टीम जब तक कुछ समझती गिरधारी ने दारोगा की पिस्टल छीन ली।
झाड़ियों में छिपकर करने लगा फायरिंग : पिस्टल छीनकर गिरधारी जंगल की ओर भागा। वह फायरिंग करता हुआ झाड़ियों में जाकर छिप गया। यह देख टीम में शामिल दारोगा अनिल सिंह ने अपनी टीम के साथ गिरधारी का पीछा किया और कंट्रोल रूम को सूचना देकर पुलिस बल मंगाया। गिरधारी झाड़ियों में छिपकर पुलिस पर फायरिंग कर रहा था। पुलिस ने उसे सरेंडर होने के लिए कहा। फोर्स आने के बाद पुलिस उस स्थान की घेराबंदी की जहां गिरधारी झाड़ियों में छिपा था। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग शुरू कर दी। गिरधारी को गोलियां लगती हैं तो वह चीखता हुआ झाड़ियों में धरासाई हो गया। निढाल होने पर पुलिस टीम असलहा ताने गिरधारी के पास पहुंची। उसे हिलाया-डुलाया। सांसे चल रहीं थीं। पुलिस टीम आनन फानन उसे लोहिया अस्पताल लेकर पहुंची। जहां, डॉक्टरों ने गिरधारी को मृत घोषित कर दिया।
13 जनवरी को दिल्ली के शॉपिंग मॉल में दबोचा गया था गिरधारी : छह जनवरी की रात लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र में कठौता चौराहे के पास अजीत सिंह की हत्या के बाद आरोपित गिरधारी के पास बाहुबली का फोन आया था। उससे कहा था कि वह गिरफ्तारी देने के लिए दिल्ली पहुंचे, पूरी सेटिंग कर दी गई है। गिरधारी घटनास्थल से स्कूटी से भागा और अपने ठिकाने पर पहुंचा। वहां से वह दिल्ली भाग गया। 13 जनवरी को दिल्ली में एक शॉपिंग मॉल में उसे गिरफ्तारी देनी थी। शॉपिंग माल में पहुंचते ही दिल्ली पुलिस ने गिरधारी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उसे तिहाड़ जेल भेज गया दिया गया था।
ऐसे हुआ था कुख्यात विकास दुबे का एनकाउंटर : बता दें कि कानपुर कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने 10 जुलाई, 2020 की सुबह एनकाउंटर में मार गिराया था। विकास दुबे पर कानपुर के आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या करने का आरोप था। उस पर पांच लाख का इनाम घोषित किया गया था। नौ जुलाई की सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास दुबे को पकड़ा गया था। इस दौरान वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। इसके बाद उज्जैन पुलिस ने उसे देर शाम यूपी एसटीएफ को सौंप दिया। कानपुर में पुलिस ने उस वक्त मुठभेड़ में विकास दुबे को मार गिराया जब वो गाड़ी पलटने के बाद पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था। इस मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
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