पेट्रोल मूल्यवृद्धि को लेकर समाजवादी महिलाओं का उग्र प्रदर्शन, पुलिस से नोकझोंक
पेट्रोल और रसोई गैस के बढ़े दाम को वापस लेने की मांग को लेकर समाजवादी महिला मोर्चा से गांधी प्रतिमा के पास उग्र प्रदर्शन किया गया।
लखनऊ (जेएनएन)। पेट्रोल और रसोई गैस के बढ़े दाम को वापस लेने की मांग को लेकर समाजवादी महिला मोर्चा की ओर से गांधी प्रतिमा के पास मंगलवार को उग्र प्रदर्शन किया गया। विधान परिषद सदस्य लीलावती कुशवाहा के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान राजभवन की ओर कूच कर रही महिलाओं को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं रुकीं। बेरीकेडिंग तोड़कर आगे बढऩे का प्रयास किया तो पुलिस ने उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी।
प्रदर्शन के दौरान एक दर्जन से अधिक महिलाएं घायल हो गईं। गंभीर रूप से घायल विधान परिषद सदस्य लीलावती कुशवाहा, वंदना चतुर्वेदी, मुन्नी पाल, नर्गिस व कुसुम को श्यामा प्रसद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में भर्ती कराया गया। विधान परिषद सदस्य को छोड़कर बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। एमएलसी को आइसीयू में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों का कहना है एहतियात के तौर पर उन्हें रखा गया है। किसी को भी गंभीर चोटें नहीं आईं हैं। वहीं कई महिला व पुरुष पुलिस वालों को भी चोटें आई हैं।
बेरीकेडिंग को लेकर हाथापाई
दोपहर करीब 12 बजे गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन के लिए आईं महिलाओं का हुजूम बढऩा शुरू हुआ तो पुलिस वालों की संख्या भी बढऩे लगी। बेरीकेडिंग लगाकर पुलिस ने राजभवन की ओर से जाने वाले रास्ते को रोक दिया। कुछ देर बाद जैसे ही महिलाओं का हुजूम आगे बढ़ा तो पहले महिला पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की हाथापाई हुई, इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया।
पुलिस पर लगाया अभद्रता का आरोप
एमएलसी लीलावती कुशवाहा का आरोप है कि पुरुष सुरक्षाकर्मियों ने महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता की। प्रशासन के पास महिला पुलिस कर्मी नाममात्र की थीं और जो थीं वह पहले से ही छिपने का प्रयास कर रही थीं। वंदना चतुर्वेदी ने कहा कि महिलाओं का उत्पीडऩ रुक नहीं रहा है, जिसकी बानगी प्रदर्शन में देखने को मिली। पैर में गंभीर चोट होने के बावजूद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।