Move to Jagran APP

वकीलों पर जानलेवा हमले से खफा अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत, प्रदेश भर में हड़ताल

प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट के गेट नंबर तीन पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। वह सरकार से सम्मान व सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 12:25 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 12:25 PM (IST)
वकीलों पर जानलेवा हमले से खफा अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत, प्रदेश भर में हड़ताल
वकीलों पर जानलेवा हमले से खफा अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत, प्रदेश भर में हड़ताल

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के आह्वान पर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट, जिला व तहसील न्यायालय के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत हैं। प्रदेश में इन दिनों बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की हत्या व उनके साथ मारपीट होने से वकील काफी नाराज हैं।

loksabha election banner

प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट के गेट नंबर तीन पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। वह सरकार से सम्मान व सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। बारिश के बाद भी उत्तर प्रदेश में वकीलों की बड़ी हड़ताल जारी है। हत्याओं और तमाम मुद्दों को लेकर प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख अधिवक्ता सरकार पर दबाव बना रहे हैं। हड़ताल से वकील हाल के दिनों में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई वकीलों की हत्याओं का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही वकीलों की मांग है कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को भी तत्काल लागू करें।

यूपी बार काउंसिल के चेयरमैन हरि शंकर सिंह ने वकीलों से जुड़े कई मुद्दों को लेकर प्रदेश व्यापी हड़ताल का आह्वान किया है, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन समेत सभी जिला बार एसोसिएशनों ने भी अपना समर्थन दिया है। इस दौरान प्रदेश भर के वकील न्यायिक कामकाज का पूरी तरह से बहिष्कार कर रहे हैं। हड़ताल के जरिए वकील हाल के दिनों में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई वकीलों की हत्याओं का विरोध कर रहे हैं। यूपी बार काउंसिल के चेयरमैन ने मांग की है कि अधिवक्ताओं की लम्बे समय से सहायता राशि डेढ़ लाख से बढ़ाकर पांच लाख करने की मांग चली आ रही है, जिसे सरकार पूरी करे। इसके साथ ही नई प्रैक्टिस शुरू करने वाले अधिवक्ताओं को स्टाइपेंड देने और 60 वर्ष की आयु से ऊपर के वकीलों को पेंशन देने की भी मांग है। हड़ताली वकील सरकार की ओर से पर्याप्त बजट न मिलने को लेकर भी खासे नाराज हैं। बार काउंसिल के चेयरमैन के मुताबिक हर वर्ष 40 करोड़ के बजट का प्रावधान है लेकिन पर्याप्त बजट भी सरकार से नहीं मिल रहा है। वकीलों की हड़ताल में जिला व तहसील कचेहरियों में वकीलों के बैठने की भी समस्या भी शामिल है। हड़ताल में तहसील से लकर हाईकोर्ट तक के वकील शामिल है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.