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सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी का दावा, आय से अधिक संपत्ति मामले में अभी फंसे हैं मुलायम-अखिलेश

कहा अखिलेश आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट लगने व क्लीन चिट मिलने का झूठ बोल रहे हैं। कहा कि फर्जी क्लोजर रिपोर्ट तैयार किये जाने को लेकर सीबीआइ दिल्ली ने 16 मार्च 2009 में एक एफआइआर दर्ज की थी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 12:24 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 07:47 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी का दावा, आय से अधिक संपत्ति मामले में अभी फंसे हैं मुलायम-अखिलेश
बोले, कोर्ट ने अब तक सिर्फ डि‍ंपल यादव का नाम हटाया।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। आय से अधिक संपत्ति के मामले में सपा संरक्षक मुलायम सि‍ंह यादव व सपा प्रमुख अखिलेश यादव अभी फंसे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने बुधवार को यह दावा करते हुए मुलायम-अखिलेश पर तीखा हमला बोला। अखिलेश यादव के एक टीवी चैनल पर दिए गए बयान का हवाला देते हुए चतुर्वेदी ने पलटवार किया। दावा किया कि अखिलेश आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट लगने व क्लीन चिट मिलने का झूठ बोल रहे हैं।

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कहा कि फर्जी क्लोजर रिपोर्ट तैयार किये जाने को लेकर सीबीआइ, दिल्ली ने 16 मार्च 2009 में एक एफआइआर दर्ज की थी। जिसका केस कोर्ट में चल रहा है और इस मामले में 15 जनवरी को सीबीआइ कोर्ट मेें अगली सुनवाई है। उन्होंने सीबीआइ के तत्कालीन अधिकारियों पर भी जांच में अनियमितता बरतने के गंभीर आरोप लगाये और उन पर कार्रवाई की मांग की।

विश्वनाथ का कहना है कि उनकी याचिका पर वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने मुलायम, अखिलेश, प्रतीक व डि‍ंपल यादव के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। सीबीआइ ने वर्ष 2019 में केवल एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जिसके तहत मुलायम, अखिलेश व अन्य का स्टेटस वारंटेड है यानी केस चलाये जाने की बात कही गई है। कोर्ट ने अब तक केवल डि‍ंपल का नाम हटाया है।

आरोप है कि सीबीआइ ने वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि मामले की जांच 2013 में पूरी हो गई थी और वह अपनी रिपोर्ट सीवीसी को सौंप चुकी है। चतुर्वेदी का दावा है कि सीवीसी से इस बाबत आरटीआइ के तहत मिली जानकारी के अनुसार सीबीआइ ने अपनी कोई रिपोर्ट सीवीसी को नहीं सौंपी है। आरोप है कि वर्ष 2009 मुलायम परिवार के जरिए सीबीआइ की फर्जी रिपोर्ट सामने लाई गई थी। ़उन्होंने रिपोर्ट में मुलायम परिवार की संपत्तियों को बेहद कम कीमत का दर्शाये जाने का भी आरोप लगाया।


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