लखनऊ: सिविल कोर्ट के बाहर दो पक्षों में मारपीट, पेशी पर आए युवक को बंधक बनाकर पीटा
पेशी पर आए आरोपित को एक अधिवक्ता ने जमकर मारा-पीटा। वहीं, कांट्रोल रूम में फायरिंग की सूचना से इलाके में अफरातफरी मच गई।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी स्थित सिविल कोर्ट के बाहर बुधवार को दो पक्षों में मारपीट का मामला सामने अाया है। बताया जा रहा है कि पेशी पर आए युवक को एक अधिवक्ता ने जमकर मारा-पीटा। वहीं, कांट्रोल रूम में फायरिंग की सूचना से इलाके में अफरातफरी मच गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया और युवक को थाने ले गई। हालांकि फायरिंग की सूचना फर्जी बताई जा रही है। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
ये है पूरा मामला
वजीरगंज कार्यवाहक इंस्पेक्टर नूरुलहदा खान के मुताबिक, सिविल कोर्ट के गेट नंबर एक पर बुधवार प्रयागराज हडिय़ा के उतरांव घाटूपुर निवासी जावेद पुत्र अतीक तारीख पर आया था। आरोप है कि उनके बहनोई शुरूर के अधिवक्ता भाई मशरूर अहमद ने उनसे गाली-गलौज की और साथियों के साथ उसे पीट दिया। वह बचाव में भागा तो जावेद को मशरूर ने एक चेंबर में बंधक बना लिया। शोर सुनकर जावेद के अधिवक्ता मधुकर मिश्रा और उनके पक्ष के लोग आ गए। इस बीच किसी ने कंट्रोल रूम को फायरिंग की सूचना दे दी। सूचना पर पुलिस पहुंची। उसने जावेद को बंधन मुक्त कराया और थाने लेकर चली आई।
थाने लाने के दौरान कुछ अधिवक्ताओं ने घेर लिया और हंगामा करने लगे। तभी पुलिस ने उन्हें समझा करा शांत करा दिया। जावेद ने बताया कि 12 साल पहले उसने शुरूर से अपनी बहन नादिरा का निकाह किया था। शादी के बाद ससुरालीजन नादिरा से मारपीट करने लगे। इसके बाद नादिरा मायके में रहने लगी। शुरूर सऊदी में नौकरी करता है। वह आठ साल से वहीं पर है।
जावेद का आरोप है कि शुरूर ने बिना नादिरा को तलाक दिए ही दूसरी शादी भी कर ली। शुरूर के भाई ने न्यायालय में वर्ष 2013 में उसके खिलाफ परिवाद दाखिल कर दिया। कुछ समय बाद समझौता हो गया। उसके बाद फिर अधिवक्ता मशरूर ने फिर परिवाद दाखिल कर दिया। उसी की तारीख पर बुधवार को कचहरी आया था। वहीं, मशरूर ने जावेद और उनके परिवारीजनों पर मारपीट और फायरिंग का आरोप लगाया है। दोनों पक्षों की तहरीर पर एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।