Move to Jagran APP

लखनऊ में बनेगा एडवांस वायरस रिसर्च सेंटर, वायरल डिजीज पर होगा अनुसंधान

यूपी में वायरल डिजीज के बढ़ते खतरों के मद्देनजर सीएसआइआर ने बढ़ाए कदम जेई डेंगू और सार्स जैसे रोगों पर किया जाएगा अनुसंधान।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 08:32 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 08:56 AM (IST)
लखनऊ में बनेगा एडवांस वायरस रिसर्च सेंटर, वायरल डिजीज पर होगा अनुसंधान
लखनऊ में बनेगा एडवांस वायरस रिसर्च सेंटर, वायरल डिजीज पर होगा अनुसंधान

लखनऊ [रूमा सिन्हा]। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) जल्द से जल्द अपना पहला एडवांस वायरस रिसर्च सेंटर स्थापित करना चाहता है। कोविड-19 महामारी के बाद अब यह जरूरी हो गया है कि वायरस से जुड़े अनुसंधानों को सतत रूप से जारी रखा जाए ताकि आने वाले समय में वायरल डिजीज के प्रकोप से बगैर समय गंवाए मजबूती के साथ निपटा जा सके।

loksabha election banner

लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) सीएसआइआर की ऐसी अकेली प्रयोगशाला है, जो औषधि अनुसंधान पर कार्य करती है। यही वजह है कि यहां रिसर्च सेंटर बनाए जाने की प्रबल संभावना है।

सीएसआइआर के निदेशक ने सीएम से की थी मुलाकात

प्रस्तावित एडवांस वायरस रिसर्च सेंटर की स्थापना के प्रस्ताव को लेकर सीडीआरआइ के निदेशक प्रोफेसर तपस कुंडू ने दो-तीन दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि सीएम इस प्रस्ताव को लेकर काफी उत्साही हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि सेंटर की स्थापना के लिए राज्य सरकार हरसंभव सहायता देगी।

जेई से निपटने में मिलेगी मदद

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) से सबसे ज्यादा प्रभावित है। अन्य क्षेत्रों में भी इसके केस आते रहते हैं। हर साल यहां लोगों को जान तक गंवानी पड़ती है। हालांकि, बीते कुछ वर्षों में प्रदेश सरकार ने इस पर काफी हद तक काबू पाया है। एडवांस वायरस सेंटर बन जाने से इस दिशा में और ठोस काम हो सकेगा। न केवल सार्स रोगों, बल्कि जेई और डेंगू पर भी शोध किया जा सकेगा। औषधि अनुसंधान के साथ-साथ वैक्सीन पर भी शोध हो सकेगा। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सेंटर की स्थापना पर आने वाला खर्च वहन करेंगी।

अभी पुणे में है सेंटर

देश में फिलहाल पुणे स्थित आइसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजिकल और नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट ही वायरस से जुड़े रिसर्च करते हैं। सीएसआइआर इस सेंटर की स्थापना के साथ वायरस पर शोध के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाने की तैयारी में है। संस्थान के महानिदेशक सीएसआइआर डॉ. शेखर मंडे कहते हैं कि यह इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि न केवल कोविड-19 बल्कि भविष्य में ऐसे वायरल रोगों से हमें निपटना ही होगा। ऐसे में समस्या आने से पहले ही अगर तैयार रहें तो उससे मुकाबला आसान हो जाएगा। यही वजह है कि सीएसआइआर ने यह निर्णय लिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.