आरटीई के तहत पिछले सत्र के दाखिले हुए नहीं, नए के लिए बनने लगी योजना Lucknow News
बीते वर्ष लखनऊ में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नहीं हुए करीब 3500 बच्चों के दाखिले।
लखनऊ, जेएनएन। शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण पिछले सत्र में आरटीई (शिक्षा का अधिकारी) अधिनियम के तहत रसूखदार विद्यालयों की मनमानी के चलते करीब 3500 विद्यार्थियों के दाखिले निजी स्कूलों में नहीं हो सके। पिछले दाखिले की कार्रवाई पूरी हुई नहीं थी कि नए सत्र 2020 के दाखिलों को लेकर कार्ययोजना बनने लगी है। शासन की ओर से जारी निर्देश में निजी विद्यालयों की सूची और पोर्टल पर उनकी लोकेशन टैग करने के लिए 20 जनवरी तक का समय दिया गया है। बीते सत्र करीब 4600 बच्चों के दाखिले हुए थे।
आरटीई के तहत मुफलिसी में जी रहे बच्चों को होनहार बनाने के लिए निजी स्कूलों में उनका दाखिला कराया जाना था। दाखिले की सारी आर्हताएं पूरी होने एवं दाखिले की सूची में भी साल के अंतिम समय तक बच्चों के दाखिले को लेकर अभिभावक महीनों से बीएसए कार्यालय से ब्लॉक और जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर काटते रहे थे।
20 जनवरी तक कराएं विद्यालयों की मैपिंग
महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से जारी आदेश के तहत शहरी क्षेत्र के सभी निजी विद्यालयों को अपनी मैपिंग पोर्टल पर 20 जनवरी तक अनिवार्य रूप से करनी है। ग्रामीण विद्यालयों की मैपिंग नहीं होगी। मैपिंग के बाद सभी विद्यालयों द्वारा बीएसए को प्रमाणपत्र उपलब्ध कराना है। नए विद्यालयों को अपने यू-डायस कोड भी अपलोड करने होंगे।
बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह ने बताया कि जिन विद्यालयों ने बच्चों के दाखिले नहीं लिए थे। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विद्यालयों की सूची बनाकर पत्र संयुक्त शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल को भेजा गया है। कार्रवाई उन्हीं के स्तर से होगी।
संयुक्त शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि पांच विद्यालयों को नोटिस जारी की चुकी है। पर अबतक वहां से कोई जवाब नहीं आया है। सोमवार को एक रिमाइंडर और देंगे अगर फिर भी जवाब नहीं आया तो संबंधित विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।Ó