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उत्तर प्रदेश में 25 हजार करोड़ निवेश करेगा आदित्य बिड़ला समूह

आदित्य विक्रम बिड़ला समूह अगले तीन वर्षों में उप्र में सीमेंट, केमिकल और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 29 Jul 2018 09:39 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jul 2018 10:34 PM (IST)
उत्तर प्रदेश में 25 हजार करोड़ निवेश करेगा आदित्य बिड़ला समूह
उत्तर प्रदेश में 25 हजार करोड़ निवेश करेगा आदित्य बिड़ला समूह

लखनऊ (जेएनएन)। आदित्य विक्रम बिड़ला समूह अगले तीन वर्षों में उप्र में सीमेंट, केमिकल और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा। समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट के बारा और डाला सीमेंट कारखानों में 7000 करोड़ रुपये के निवेश की शुरुआत हो चुकी है। रविवार को निवेश परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह में आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि समूह की कंपनियां हिंडालको, अल्ट्राटेक सीमेंट, ग्रासिम, आइडिया सेल्युलर और आदित्य बिड़ला कैपिटल उप्र में सक्रिय हैं। बिड़ला समूह उप्र में नंबर वन निवेशक रहेगा। समूह कारपोरेट सामाजिक दायित्व के क्षेत्र में भी सक्रिय है। स्वास्थ्य, शिक्षा, बालिकाओं के सरोकारों से जुड़े प्रकल्पों के जरिये प्रदेश के 400 गांवों के 10 लाख लोगों की जिंदगियों में तब्दीलियां ला रहा है।  

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उप्र होगा ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला पहला राज्य

निवेश के लिहाज से उप्र को अपार संभावनाओं वाला प्रदेश बताते हुए अडानी समूह के संस्थापक अध्यक्ष गौतम अडानी ने रविवार को कहा कि यह देश में ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने वाला पहला राज्य होगा। वह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में निवेश परियोजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

रविवार को जिन 81 प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ, उनमें अडानी पावर की 765 केवी घाटमपुर-हापुड़ ट्रांसमिशन लाइन परियोजना भी शामिल है। गौतम अडानी ने बताया कि यह ट्रांसमिशन लाइन 2000 मेगावाट क्षमता के घाटमपुर पावर प्लांट में पैदा होने वाली बिजली को कानपुर, आगरा, हापुड़ और ग्रेटर नोएडा तक पहुंचाएंगी। 2500 करोड़ रुपये निवेश की इस परियोजना के निर्माण कार्य में 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अडानी पावर इस परियोजना को मार्च 2021 के निर्धारित लक्ष्य से पहले पूरा कर लेगी। अडानी ने कहा कि यूपी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान उनके समूह ने उप्र में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए राज्य सरकार के साथ 36,500 करोड़ रुपये के निवेश के लिए अनुबंध किये थे। इनमें गोरखपुर में स्किल डेवलपमेंट सेंटर के अलावा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स हब, थर्मल व सोलर पावर प्लांट, सड़क, मेट्रो रेल, इंटीग्रेटेड फूड पार्क और अनाज भंडार गृह जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इन सभी परियोजनाओं के पूरा होने पर 1.9 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। 

पचास हजार ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा चालकों की आमदनी बढ़ाएगा एस्सेल इंफ्रा

एस्सेल समूह के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा ने कहा है कि समूह की कंपनी एस्सेल इंफ्रा ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा की तकनीक में बदलाव करेगी। इसके जरिये कंपनी प्रदेश के 25 हजार ई-रिक्शा और इतने ही ऑटो रिक्शा चालकों की आमदनी बढ़ाएगी। इसके लिए 1750 करोड़ रुपये की निवेश परियोजना का रविवार को प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया। सुभाष चंद्रा ने कहा कि देश में छह लाख ई-रिक्शा चल रहे हैं। समस्या यह है कि यह लेड बैट्री से चलते हैं जिसे चार्ज करने में 10 घंटे लगते हैं। इससे ई-रिक्शा चालक दिन में 300 से 400 रुपये ही कमा पाते हैं। यदि लेड बैट्री को लिथियम आयन में बदल दिया जाए तो बैट्री को चार्ज करने में सिर्फ एक घंटा लगेगा और इसे बदलते ही ई-रिक्शा चार मिनट में चलने लगेगा। इससे ई-रिक्शा चालकों की आमदनी बढ़कर 600 से 700 रुपये रोजाना हो जाएगी। वहीं उनकी कंपनी ने ऑटो रिक्शा निर्माताओं के साथ मिलकर ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे कि ऑटो रिक्शा को इलेक्ट्रिक बैट्री से चलाने पर भी दाम में सिर्फ 40000 का इजाफा होगा। पहले इसकी कीमत डेढ़ गुना बढ़ जाती थी। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ एग्रीगेटर की भूमिका निभाएंगे। सरकार जिन चालकों को परमिट देगी, हम पांच साल में ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा उनके नाम कर देंगे। गौरतलब है कि एस्सेल समूह ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रदेश में 22500 करोड़ रुपये के निवेश के लिए राज्य सरकार से अनुबंध किया था। 

तीस हजार किसानों की आमदनी दोगुनी करने में कामयाब हुई आइटीसी

खाद्य प्रसंस्करण और एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनी आइटीसी एग्री वैल्यू चेन, ई-चौपाल और खाद्य प्रसंस्करण की आधुनिक तकनीकों के जरिये प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने में लगी है। हाल ही में कंपनी की ओर से पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश में चलाये गए बारह महीने हरियाली अभियान के जरिये 30 हजार किसानों की आमदनी दोगुनी हुई। वहीं बाकी किसानों में अपनी आय में 30 से 70 फीसद वृद्धि अनुभव की। यह जानकारी निवेश परियोजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में आइटीसी के अध्यक्ष संजीव पुरी ने दी। उन्होंने बताया कि आइटीसी का एग्री बिजनेस डिवीजन प्रदेश के 50 जिलों में 12 लाख किसानों, 2000 ई-चौपालों और 28000 चौपाल प्रदर्शन केंद्रों को सशक्त बनाने में जुटा है। कंपनी ने फलों के पल्प से ही फ्रूट जूस बनाने का फैसला किया है। इसके लिए उप्र में अमरूद और जामुन के अधिक उत्पादकता वाले बगीचों में कंपनी ने निवेश करना शुरू कर दिया है। फल-सब्जियों को जल्दी खराब होने से बचाने के लिए कंपनी कम लागत वाला क्लाइमेट कंट्रोल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है। इसे पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। बाद में इसे उप्र में भी लागू किया जाएगा। 

 उप्र में निवेश करना चाहते हैं संयुक्त अरब अमीरात के उद्यमी

लूलू ग्रुप इंटरनेशनल लखनऊ के अलावा वाराणसी और नोएडा में भी शॉपिंग मॉल स्थापित करेगा। यह जानकारी रविवार को लूलू ग्रुप के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक यूसुफ अली ने दी। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश अब आकर्षक निवेश गंतव्य बन गया है। वहां के कई उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं। यह भी कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के निवेशकों को अगस्त के पहले हफ्ते में उप्र लाने की योजना है। वह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में निवेश परियोजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। लूलू ग्रुप ने लखनऊ की सुशांत गोल्फ सिटी में 12 एकड़ क्षेत्रफल में 2000 करोड़ रुपये के निवेश से शापिंग मॉल विकसित करने के लिए यूपी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान राज्य सरकार के साथ अनुबंध (एमओयू) किया था। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन 81 परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उनमें लूलू समूह का यह प्रोजेक्ट भी शामिल है। यूसुफ अली ने बताया कि लखनऊ में बनाये जा रहे शॉपिंग मॉल का 35 फीसद काम पूरा हो चुका है। यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल होगा जो 5000 लोगो को प्रत्यक्ष और 10000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार देगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि लखनऊ में शॉपिंग मॉल निर्माण का काम तय समयावधि से पहले पूरा कर लिया जाएगा। मॉल का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही इसमें काम करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा। 

 वाराणसी में मेडिकल कॉलेज विकसित करेगा एनएमसी हेल्थकेयर

एनएमसी हेल्थकेयर वाराणसी में 50 एकड़ क्षेत्रफल में मेडिकल कॉलेज विकसित करेगा जिसमें आयुष, सिद्ध और यूनानी जैसी परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों की शिक्षा भी दी जाएगी। रविवार को निवेश परियोजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में यह जानकारी एनएमसी हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीआर शेट्टी ने दी। उन्होंने डिफेंस कॉरीडोर में भी निवेश की इच्छा जतायी। कहा कि उनकी कंपनी प्रदेश में आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस पर भी काम करना चाहती है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार की तारीफ करने के साथ वह यह कहने से भी नहीं चूके कि पिछली सरकार में उन्हें एक लाइसेंस हासिल करने में साढ़े तीन से चार साल लग गए। 


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