Lucknow CAA Protest Case: उपद्रव के एक साल, 563 आरोपितों के खिलाफ हुई कार्रवाई
Lucknow CAA NRC Protest Case 19 दिसंंबर 2019 को शहर में सीएए व एनआरसी के विरोध की आड़ में हुआ था उपद्रव। आगजनी गोलीबारी तोडफ़ोड़ व पथराव में पुलिसकर्मियों समेत कई हुए थे घायल। दर्ज हुए थे कुल 63 मुकदमे 37 मामलों में चार्जशीट दाखिल।
लखनऊ, [ज्ञान बिहारी मिश्र]। सीएए व एनआरसी के विरोध की आड़ में राजधानी को दंगे की आग में धकेलने की साजिश के एक साल होने वाले हैं। समय बीत गया लेकिन, जख्म अब भी हरे हैं। लखनऊ पुलिस पिछले एक साल से उपद्रवियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में कुल 63 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिसमें 283 लोगों के खिलाफ नामजद एफआइआर हुई थी।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि 19 दिसंबर 2019 को परिवर्तन चौक, हुसैनाबाद व खदरा समेत अन्य इलाकों में प्रदर्शन की आड़ में उपद्रवियों ने आगजनी की थी। छानबीन के दौरान 456 आरोपित प्रकाश में आए थे। विवेचना में सामने आया कि पूर्व में नामजद 163 लोगों की उपद्रव में भूमिका नहीं है, जिसके बाद उनके नाम मुकदमे से हटा दिए गए। पुलिस ने अब तक कुल 313 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इस मामले में अब तक 576 आरोपित प्रकाश में आए हैं। पुलिस की ओर से 37 मुकदमों में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जा चुकी है, वहीं 21 मामलों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाई है। पुलिस आयुक्त के मुताबिक अभी पांच मुकदमों की विवेचना चल रही है, जिसमें कार्यवाही शेष है।
18 ने किया था आत्मसमर्पण
आगजनी, बलवा, पथराव और हंगामे के 18 आरोपितों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था। पुलिस इन लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही थी। पुलिस आयुक्त के मुताबिक 50 आरोपितों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है, वहीं चार को छह माह के लिए जिला बदर किया गया है। इसके अलावा 112 पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई हुई है। आंकड़ों के मुताबिक लखनऊ पुलिस ने अब तक कुल 563 उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की है। जिला प्रशासन की ओर से आरोपितों से वसूली जारी है। गौरतलब है कि प्रदर्शन की आड़ में उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था और आगजनी की थी। पथराव में कई लोग घायल हो गए थे। यही आगजनी में करोड़ों रुपये की संपत्ति जल गई थी।