यूपी में हाउस टैक्स की वसूली में पीछे रहे अफसरों पर गिरी गाज, राजस्व निरीक्षक की बर्खास्तगी व वीआरएस की प्रक्रिया शुरू
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने हाउस टैक्स वसूली की समीक्षा बैठक में कर विभाग के अधिकारियों पर जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने वसूली कर पाने में अक्षम कई अधिकारियों को अंतिम चेतावनी भी दी। वसूली कर पाने में अक्षम कई अधिकारियों को अंतिम चेतावनी भी दी।
लखनऊ जागरण संवाददाता। हाउस टैक्स की वसूली में पीछे रहे नगर निगम के जोनल अधिकारियों समेत कर अधीक्षकों और निरीक्षक पर कार्रवाई की गई है। जोन छह में तैनात राजस्व निरीक्षक राहुल सैनी को सेवा से बर्खास्त करने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा, जबकि जोन पांच में तैनात राजस्व निरीक्षक अनूप यादव को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए विभागीय प्रक्रिया चालू होगी।
जोनल अधिकारी-दो को चार्जशीट देने के साथ ही कर अधीक्षकों का वेतन रोका गया है। अब वेतन का भुगतान तभी संभव हो पाएगा, जब वह वसूली का लक्ष्य पूरा कर पाएंगे। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने हाउस टैक्स वसूली की समीक्षा बैठक में कर विभाग के अधिकारियों पर जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने वसूली कर पाने में अक्षम कई अधिकारियों को अंतिम चेतावनी भी दी। कम वसूली पर जोनल अधिकारी-दो अरुण चौधरी को चार्जशीट दी गई है। जोन दो में तैनात कर अधीक्षक सदाकांत और उमाशंकर गुप्ता का अगले आदेश तक वेतन रोका गया है। सबसे कम वसूली करने और समीक्षा बैठक से गायब रहने पर जोन छह में तैनात राजस्व निरीक्षक राहुल सैनी को चार्जशीट देने के बाद ही प्रशासनिक कार्यवाही के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा। इसमें सेवा से बर्खास्त करने की कार्यवाही होगी। समीक्षा बैठक में मौजूद न रहने के कारण एक दिन का वेतन कटौती के भी आदेश दिए गए हैं। कम वसूली के कारण जोनल अधिकारी एक-दिलीप श्रीवास्तव और जोनल अधिकारी-छह प्रज्ञा सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जोन एक के कर अधीक्षक अनूप श्रीवास्तव और राकेश कुमार का भी वेतन रोका गया है। जोन छह में तैनात राजस्व निरीक्षक अंदलीब जेहरा और आजाद अहमद से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जोन-चार नंबर वन, जोन एक सबसे नीचे: हाउस टैक्स वसूली में जोन चार नंबर वन रहा। यहां की वसूली 27.17 प्रतिशत है। दूसरे नंबर पर जोन सात रहा, यहां वसूली का प्रतिशत 25.36 है। 22.69 प्रतिशत वसूली कर जोन तीन तीसरे नंबर पर है। जोन आठ की वसूली 20.57 प्रतिशत, जोन दो की वसूली 11.58 प्रतिशत, जोन पांच की वसूली 10.32 प्रतिशत, जोन छह की वसूली 8.19 प्रतिशत और जोन एक की वसूली मात्र 7.71 प्रतिशत रही।