Bikru Kand : कृष्णानगर के तत्कालीन इंस्पेक्टर और सीओ कार्यवाही की जद में
Bikru Kand बिकरु कांड में एसआईटी ने शासन को सौंपी रिपोर्ट वर्ष 2019 में प्रतिबंधित बोर के असलहे के साथ पकड़ा गया था विकास दुबे। एसआईटी ने तत्कालीन इंस्पेक्टर और सीओ से की थी पूछताछ शिथिल पर्यवेक्षण के आरोप में हो सकती है कार्यवाही।
लखनऊ, जेएनएन। Bikru Kand : बहुचर्चित बिकरु कांड में एसआइटी ने शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। बताया जा रहा है कि एसआइटी की रिपोर्ट में वर्ष 2017 में कृष्णानगर कोतवाली में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर और सीओ का भी जिक्र है। दरअसल, विकास दुबे को एसटीएफ ने प्रतिबंधित बोर के असलहे के साथ पकड़ा था। वह असलहा विकास के भाई दीप प्रकाश के नाम से दर्ज था। हालांकि पुलिस ने महज आर्म्स एक्ट में ही कार्यवाही की थी।
एसआईटी को जब इस प्रकरण के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने तत्कालीन इंस्पेक्टर कृष्णा नगर अंजनी कुमार पांडे और सीओ लाल प्रताप से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले में कोई लिखा पढ़ी में कहीं भी तत्कालीन इंस्पेक्टर और सीओ का हस्ताक्षर नहीं मिला है। अब सवाल यह है कि बिना इंस्पेक्टर और सीओ की जानकारी के इस संबंध में कार्यवाही किसके इशारे पर हुई। माना जा रहा है कि शिथिल पर्यवेक्षण के आरोप में तत्कालीन इंस्पेक्टर और सीओ के खिलाफ कार्यवाही हो सकती है। हालांकि अभी तक इस बाबत कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है।
ये है मामला
कानपुर में चौबेपुर स्थित बिकरु गांव में आरोपित विकास दुबे ने डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इस मामले में विकास पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित हुआ था। आरोपित को उज्जैन से एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। हालांकि कानपुर में आरोपित ने पुलिस की गाड़ी से भागने की कोशिश की थी और मुठभेड़ में मारा गया था। अभी तक पुलिस दीप प्रकाश को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।