सुप्रीम कोर्ट के सामने युवती के आत्मदाह केस में कुछ और पुलिसकर्मियों पर हो सकती कार्रवाई, डीजी ने सौंपी जांच रिपोर्ट
घोषी से सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़ित युवती की मौत के मामले में डीजी व एडीजी की संयुक्त टीम ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट मंगलवार को शासन को सौंप दी गई। जांच रिपोर्ट की प्रति डीजीपी मुख्यालय भी भेजी गई है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के घोषी से सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़ित युवती की मौत के मामले में डीजी व एडीजी की संयुक्त टीम ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट मंगलवार को शासन को सौंप दी गई। जांच रिपोर्ट की प्रति डीजीपी मुख्यालय भी भेजी गई है। प्रकरण में जल्द कुछ पुलिस अधिकारियों व कर्मियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।
डीजी उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड आरके विश्वकर्मा व एडीजी महिला व बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत ने शनिवार को वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश, एडीजी वाराणसी जोन बृजभूषण, आइजी वाराणसी रेंज एसके भगत व एसीपी आदित्य लांघे समेत 10 पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए थे। तीन विवेचकों से भी लंबी पूछताछ की गई थी। इससे एक दिन पूर्व शुक्रवार को जांच टीम की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर ही लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में पूर्व सांसद अतुल राय व आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध पीड़ित युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज हुई थी।
शुक्रवार को ही लखनऊ पुलिस ने इस मामले में आरोपित अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया था। जांच टीम ने इससे पूर्व वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक व अन्य पुलिस अधिकारियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए थे। अमिताभ ठाकुर से भी दो बार पूछताछ की गई थी। डीजी व एडीजी ने पीड़ित युवती की मां व भाई के बयान भी दर्ज किए थे।
टीम ने बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रकरण में दर्ज 12 मुकदमों में की गई पुलिस कार्रवाई की सिलसिलेवार समीक्षा की। यह भी देखा कि पुलिस कार्रवाई में कहां किस स्तर पर लापरवाही हुई। जांच टीम जिन 12 मुकदमों की छानबीन की है, उनमें पांच पीड़ित युवती की ओर से दर्ज कराए गए थे और सात मुकदमे युवती व उसके पैरोकार युवक के विरुद्ध दर्ज कराए गए थे।
उल्लेखनीय है कि घोसी सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़ित युवती व उसके पैरोकार युवक ने बीती 16 अगस्त को दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के गेट के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था, जिनकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। शासन ने मामले की गंभीरता को देखकर पूरे प्रकरण की जांच डीजी व एडीजी की संयुक्त टीम को सौंपी थी।