Ayodhya Case : आरोपित रामजी गुप्ता ने भी नकारे सीबीआइ के सभी आरोप, बोले- ढांचा गिराने में उनका हाथ नहीं
Ayodhya Case अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस मामले में दर्ज किए गए बयान।गवाही दर्ज कराने पहुंचे आरोपित रामजी गुप्ता।
लखनऊ, जेएनएन। Ayodhya Case : अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस मामले में सोमवार को चौथे आरोपित रामजी गुप्ता ने सीबीआइ की विशेष अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। इसमें उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया। साथ ही सभी प्रश्नों के जवाब में कहा कि मामला राजनीति से प्रेरित है और उन्हेंं फंसाया गया है। अयोध्या प्रकरण की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने अन्य आरोपितों का बयान दर्ज करने के लिए नौ जून की तिथि नियत की है। इससे पूर्व अदालत में विजय बहादुर सिंह, गांधी यादव और प्रकाश शर्मा उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज करा चुके हैं। अदालत में छह जून को बजरंग दल के संयोजक प्रकाश शर्मा भी पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बता चुके हैं।
सोमवार दोपहर करीब 1:35 बजे रामजी गुप्ता अपना बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में हाजिर हुए। उनसे अदालत द्वारा लगभग 1050 पूछे गए। रामजी गुप्ता को सीबीआई ने अपनी विवेचना में सक्रिय कारसेवक बताया गया है। उन्होंने सवालों के जवाब में कहा कि पत्रावली पर उनके विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। वह समय आने पर अदालत के समक्ष बचाव साक्ष्य देकर खुद को निर्दोष साबित करेंगे। उनके अधिवक्ता मनीष त्रिपाठी और केके मिश्रा न्यायालय में उपस्थित रहे।
प्रकाश शर्मा भी हुए उपस्थित
सोमवार को अदालत में रामजी गुप्ता के अतिरिक्त प्रकाश शर्मा भी उपस्थित हुए। सुनवाई के समय सीबीआइ की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललित कुमार सिंह, पूर्णेंदु चक्रवर्ती और आरके यादव उपस्थित थे। अदालत ने पवन पांडेय, बृजभूषण शरण सिंह, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, कल्याण सिंह, रामविलास वेदांती और साक्षी महाराज समेत 27 लोगों की हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए कहा है कि जिनके बयान होना शेष है, बुलाए जाने पर बयान दर्ज कराने के लिए न्यायालय के समक्ष उपस्थित हों। आरोपित लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के संबंध में अदालत ने कहा है कि इन सभी लोगों की हाजिरी अधिवक्ता के माध्यम से अग्रिम आदेश तक माफ है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती को निर्देशित किया जाता है कि वह लोग निर्देशित होने पर उपस्थिति सुनिश्चित कराएंगे। मंगलवार को संभवत: राम विलास वेदांती बयान दर्ज कराएंगे।
चार लाख कारसेवक थे, किसने गिराया ढांचा किसे पता
अयोध्या में जब विवादित ढांचा गिराया गया था, उस समय ढांचे के ईद-गिर्द चार लाख कारसेवक थे। किसने ढांचा गिराया, किसके पास साक्ष्य है? किसी के पास कोई ऐसी फोटो भी नहीं है, जिसमें साक्ष्य हों। फिलहाल, जिसने भी गवाही दी है कि ढांचा गिराने वालों में हम सब थे, गलत है। उस समय मैं राम जन्मभूमि का प्रभारी था। ढांचा गिर जाने के बाद शाम सात बजे ही रामलला को उनके उसी स्थान पर विराजमान किया गया। यह सब शाम सात बजे से रात 11 बजे के बीच चलता रहा। यह तमाम बातें सीबीआइ की विशेष कोर्ट में गवाही देने से पूर्व राम जी गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि खोदाई में भी रामजन्म भूमि होने के साक्ष्य मिले थे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला शिरोधार्य है।
सोमवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई के चौथे दिन दोपहर दो बजे के आसपास रामजी गुप्ता अकेले आरोपी थी, जिन्होंने अपने बयान दर्ज कराए। उन्होंने बताया कि वह रात ऐतिहासिक थी। रात में ही रामलला के स्थान को बल्लियों से घेरा गया और फिर राम लला को पुन: उसी स्थान पर विधि विधान से विराजमान किया गया था। रामजी कहते हैं कि सभी की जानकारी में है, उस दिन क्या हुआ था। राम जन्म भूमि का प्रभारी होने के नाते मैने अपना कर्तव्य निभाया। क्योंकि रामजन्म भूमि जहां थी, वही है, उसमें रत्ती भर भी एक इंच भी इधर से उधर नहीं है।