गोमती रिवरफ्रंट घोटाला : रूप सिंह यादव ने उगले साथियों के नाम, CBI जारी रखेगी पूछताछ
सीबीआइ अफसरों के सामने फर्जी दस्तावेजों से जुड़े कई राज भी उगले। सीबीआइ ने रिवरफ्रंट घोटाले को लेकर लखनऊ के गोमतीनगर थाने में 19 जून 2017 काे सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ.अंबुज द्विवेदी की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर को अपने केस का आधार बनाया था।
लखनऊ, जेएनएन। सपा शासनकाल में हुए गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में सीबीआइ आरोपित तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव व वरिष्ठ सहायक राजकुमार से पूछताछ का सिलसिला जारी रखेगी। सीबीआइ की अर्जी पर कोर्ट ने दोनों आरोपितों की चार दिनों की और पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। अब दोनों आरोपित 28 नवंबर तक सीबीआइ की अभिरक्षा में रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि दोनों आरोपितों ने चहेते ठेकेदारों को काम देने के लिए दस्तावेजों में किए गए खेल से जुड़े कई राज उगले हैं।
बताया है कि किस तरह फर्जी दस्तावेजों के जरिए टेंडर पास करने की प्रक्रिया में धांधली बरती गई। रूप सिंह यादव ने कई साथी इंजीनियरों व अधिकारियों की भूमिका के बारे में भी बताया है। सीबीआइ इसी कड़ी में जांच को आगे बढ़ा रही है आैर टेंडर में हुई धांधली से जुड़े कुछ अन्य दस्तावेज भी बरामद करने का प्रयास कर रही है। जल्द अन्य नामजद आरोपितों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनसे भी पूछताछ की तैयारी है। ध्यान रहे, सीबीआइ ने 30 नवंबर 2017 को रिवरफ्रंट घोटाले में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी और 19 नवंबर 2020 को पहली बड़ी कार्रवाई की थी।
सीबीआइ ने इसी दिन एफआइआर के नामजद आरोपित रूप सिंह यादव व धांधली में उनके सहयोगी रहे वरिष्ठ सहायक राजकुमार को गिरफ्तार किया था। सीबीआइ ने 20 नवंबर को दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने 20 नवंबर को ही दोनों की चार दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड की मंजूर दी थी। पुलिस कस्टडी रिमांड की अवधि 24 नवंबर की शाम को पूरी हो रही थी। सीबीआइ की अर्जी पर कोर्ट ने दोनों की चार दिनों की और पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। अब 28 नवंबर तक सीबीआइ दोनों आराेपितों से पूछताछ जारी रखेगी। आरोपित रूप सिंह यादव सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
सीबीआइ ने रिवरफ्रंट घोटाले को लेकर लखनऊ के गोमतीनगर थाने में 19 जून 2017 काे सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ.अंबुज द्विवेदी की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर को अपने केस का आधार बनाया था। सीबीआइ ने तत्कालीन मुख्य अभियंता गोलेश चंद्र, एसएन शर्मा, काजिम अली और अधीक्षण अभियंता शिवमंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह, रूप सिंह यादव व अधिशासी अभियंता सुरेश यादव के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी।