Ayodhya Demolition Case: एक-एककर सीबीआई कोर्ट पहुंचे आरोपित, तस्वीरों में देखें माहौल
Ayodhya Demolition Case अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया है। लखनऊ में सीबीआई की विशेष कोर्ट में जज वादियों प्रतिवादी और उनके वकीलों के अलावा केवल कोर्ट स्टाफ को जाने की अनुमति थी।
लखनऊ, जेएनएन। Ayodhya Demolition Case: सीबीआइ कोर्ट बुधवार को अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में फैसला सुना दिया है। इसके मद्देनजर राजधानी पुलिस ने कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही। सीबीआई कोर्ट में जज, वादियों, प्रतिवादी और उनके वकीलों के अलावा केवल कोर्ट स्टाफ को जाने की अनुमति थी। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस केस के विशेष जज एसके यादव के कार्यकाल का आज अंतिम फैसला था। 30 सितंबर 2019 को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस केस का फैसला सुनाने तक उन्हें सेवा विस्तार दे रखा था।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समय से एक घंटे पहले कोर्ट पहुंचे।
पवन पांडेय ने कहा, कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे। जो होगा वह शिकार होगा। रामलला के कम से कम किसी काम तो आएंगे।
लखनऊ में सीबीआइ कोर्ट पहुंचे भाजपा नेता जय भगवान गोयल व अन्य।
कोर्ट पहुंचे श्रीरामजन्मभूमि न्यास के सदस्य और पूर्व सांसद रामविलास दास वेदांती
आरोपित रामजी गुप्ता ने कहा, निर्णय हमारे पक्ष में होगा। मैं शुरू से आंदोलन में शामिल था। यदि दोषी ठहराया जाते है तो जेल जाने को तैयार हूं। पहली मेरी गिरफ्तारी हुई थी। उसी फ़ाइल में 49 लोग आ गए। 28 साल बाद अयोध्या का यह फैसला आ रहा है। जो भी फैसला होगा मान्य होगा मुझे उम्मीद है हम सब दोषी नहीं हैं। अगर इसके बाद भी कोई कार्रवाई होती है तो प्रभु राम की सेवा की जाएगी।
धरमदास।
सांसद बृजभूषण शरण सिंह।
सांसद लल्लू सिंह।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि ढांचा विध्वंस मामले में हमने कोई आपराधिक षड्यंत्र नहीं रचा। हम षड्यंत्र नहीं, मंत्र रचते हैं। अब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का लक्ष्य पूरा हो गया है, इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े तो बड़ी बात नहीं है। न्यायालय का जो भी फैसला आएगा, वह सिर माथे होगा।।
साक्षी महाराज।
पुराने लखनऊ में सुरक्षा व्यस्था को लेकर मार्च करते एसएचओ ठाकुरगंज राज कुमार शर्मा।
पुराने लखनऊ में सुरक्षा व्यस्था को लेकर दिशा निर्देश देते एसएचओ ठाकुरगंज
हाईकोर्ट के पुराने परिसर के बाहर सुबह से ही विवादित ढांचा ध्वंस मामले के फैसले को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। मीडिया के लिए अलग से गैलरी बनाई गई है।
कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए सुबह सबसे पहले कोर्ट परिसर में सैनिटाइजेशन किया गया।