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डेल्टा से भी ज्यादा संक्रामक होगा डेल्टा प्लस वायरस, जान‍िए क्‍या कहते हैं संजय गांधी PGI के व‍िशेषज्ञ

Delta Plus Virus डा. धीमन का कहना है कि लाकडाउन खुला है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोग बिना मास्क और शारीरिक दूरी के घूमना शुरू कर दें। लोगों को अभी से एहतियात बरतनी होगी ताकि दूसरी लहर जैसी स्थिति न आए। सभी को गैरजरूरी यात्राएं रद करनी चाहिए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 06:03 AM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 02:51 PM (IST)
डेल्टा से भी ज्यादा संक्रामक होगा डेल्टा प्लस वायरस, जान‍िए क्‍या कहते हैं संजय गांधी PGI के व‍िशेषज्ञ
वैक्सीन लगवाने की वजह से ही डेल्टा वायरस से संक्रमित होने के बावजूद बची बहुतों की जान।

लखनऊ, [धर्मेंद्र मिश्रा]। कोरोना की तीसरी लहर आए या ना आए, लेकिन अभी से इसके प्रति सभी को सतर्क रहना होगा। यदि तीसरी लहर आई तो इसमें डेल्टा प्लस वायरस का भीषण प्रकोप देखने को मिल सकता है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के निदेशक डा. आरके धीमन के अनुसार डेल्टा प्लस वायरस इतना अधिक संक्रामक होगा कि वह मौजूदा वैक्सीन को चकमा दे सकता है, लेकिन टीकाकरण करा चुके लोगों के गंभीर होने व मौत का खतरा कम होगा। इसलिए सभी को वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी है।

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डा. धीमन के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वायरस ने भी अपना घातक रूप दिखाया था, मगर जिन्हेंं वैक्सीन लग चुकी थी, उनमें गंभीरता और मौतें सिर्फ नाम मात्र की रही। यदि वैक्सीनेशन नहीं हुआ होता तो मौतों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता था। इसलिए 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को अनिवार्य रूप से अपना टीकाकरण करा लेना चाहिए।

गैरजरूरी यात्राएं करें रद : डा. धीमन का कहना है कि लाकडाउन खुला है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोग बिना मास्क और शारीरिक दूरी के घूमना शुरू कर दें। लोगों को अभी से एहतियात बरतनी होगी, ताकि दूसरी लहर जैसी स्थिति न आए। सभी को गैरजरूरी यात्राएं रद कर देनी चाहिए। साथ ही शादी-विवाह, पार्टी इत्यादि कार्यक्रमों में लोगों की संख्या भी सीमित करनी होगी। किसी भी कार्यक्रम में यदि 15-20 से ज्यादा लोग एकत्रित हुए तो संक्रमण का खतरा अधिक होगा। कोविड अनुरूप व्यवहार के साथ अधिक से अधिक वैक्सीनेशन ही तीसरी लहर को आने से रोक सकता है। कुछ लोगों ने भी लापरवाही की तो उसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ेगा।

पहली लहर से 80 फीसद अधिक संक्रामक था डेल्टा : पहली लहर दीर्घकाल तक चली, लेकिन इसका वायरस वाइल्ड था। जिसे अल्फा भी कहा जाता है, मगर दूसरी लहर भले ही करीब दो महीने तक रही, लेकिन इसका म्युटेंट डेल्टा वायरस पहली लहर के मुकाबले 70 से 80 फीसद तक अधिक संक्रामक था। इसी वजह से देखते ही देखते आठ-दस दिनों में हालात बेकाबू हो गए। मरीजों की यकायक बाढ़ आ गई। तत्कालीन स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया।

डेल्टा प्लस वायरस का खतरा कम करना आसान : डा. धीमन कहते हैं कि डेल्टा प्लस वायरस भले ही डेल्टा से अधिक संक्रामक होगा, लेकिन इसका खतरा कोविड अनुरूप व्यवहार व अधिक से अधिक वैक्सीनेशन के जरिए कम किया जा सकता है। अभी तीसरी लहर आने में वक्त है। तब तक अधिकांश लोगों का वैक्सीनेशन हो सकता है। इसलिए टीकाकरण कराने में लोग जरा भी लापरवाही न बरतें। 


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