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KGMU में महिलाकर्मियों के साथ अश्लीलता, श‍िकायत के बाद मचा हड़कंप

कुलपति-कुलसचिव को लिखा पत्र कर्मचारी संघ से मदद की गुहार। श‍िकायती पत्र के बाद व‍िभाग में मचा हड़कंप।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 09:25 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 07:48 AM (IST)
KGMU में महिलाकर्मियों के साथ अश्लीलता, श‍िकायत के बाद मचा हड़कंप
KGMU में महिलाकर्मियों के साथ अश्लीलता, श‍िकायत के बाद मचा हड़कंप

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में महिलाकर्मियों के साथ एक बार फिर अश्लीलता का मामला सामने आया है। आधा दर्जन से अधिक महिला स्टाफ ने कुलपति-कुलसचिव को पत्र लिखकर पुरुष स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की है। ऐसे में विभाग में हड़कंप है।

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केजीएमयू के लिंब सेंटर स्थित गठिया रोग विभाग की आठ महिला कर्मियों ने एक पुरुष कर्मी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने 19 अप्रैल को कुलपति-कुलसचिव को शिकायती पत्र भेजा है। इसमें विभाग के पुरुष कर्मी पर अभद्रता, अश्लीलता के आरोप लगाए हैं। करीब आठ महिलाओं ने पत्र पर हस्ताक्षर किए। साथ ही पत्र में अपनी असुरक्षा की पीड़ा बयां की। महिला कर्मियों ने कहा कि पुरुष कर्मी आए दिन गंदी बातें करता है। किसी कार्य से उसके दफ्तर जाने पर महिला कर्मी से चाय-कॉफी का ऑफर देकर बाहर घुमाने को कहता है। इतना ही नहीं कई महिला कर्मियों को धमका भी चुका है। 

असुरक्षा का भय, कार्रवाई की मांग
महिला कर्मचारियों का आरोप है कि विभागीय स्तर पर कई बार मौखिक शिकायत की गई, मगर अनसुना कर दिया गया। ऐसे में पुरुष कर्मी के हौसले बुलंद होते गए। वह विभाग में दबंगई करता है। महिला कर्मियों के आने-जाने पर घूर कर देखता है। ऐसे में विभाग की महिला कर्मियों में असुरक्षा को लेकर भय व्याप्त है। महिलाओं ने केजीएमयू कुलपति, कुलसचिव, कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों से शिकायत की है। कुलसचिव राजेश राय ने बताया क‍ि अभी पत्र मेरे संज्ञान में नहीं आया है। कार्यालय में जानकारी लूंगा। यदि ऐसा है तो जांच करवाई जाएगी। दोषी कर्मी पर सख्त कार्रवाई होगी।

इन मामलों को किया रफा-दफा

  • कार्डियोलॉजी में गत वर्ष 20 पैरामेडिकल छात्राओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया था। यहां एक ईसीजी टेक्नीशियन प्रशिक्षण देने के बहाने स्टूडेंट के साथ गलत व्यवहार करता था। मामले की लिखित शिकायत की गई। जांच की खानापूर्ति कर मामला रफा-दफा कर दिया गया।
  • गत वर्ष ही डेंटल विभाग के एक डॉक्टर पर भी जूनियर डॉक्टर ने अभद्रता का आरोप लगाया। यहां भी मामला रफा-दफा कर दिया गया। ऐसे ही अन्य विभागों में भी मामले प्रकाश में आए, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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