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मिर्जापुर में बच्चों को नमक व रोटी खिलाने के मामले में एबीएसए निलम्बित, BSA को हटाया

डीएम की रिपोर्ट मिलने पर शासन ने की कार्यवाही। नियमित बीएसए की तैनाती होने तक सीडीओ को अतिरिक्त प्रभार।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 05:29 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 10:10 PM (IST)
मिर्जापुर में बच्चों को नमक व रोटी खिलाने के मामले में एबीएसए निलम्बित, BSA को हटाया
मिर्जापुर में बच्चों को नमक व रोटी खिलाने के मामले में एबीएसए निलम्बित, BSA को हटाया

लखनऊ, जेएनएन। मीरजापुर के जमालपुर ब्लॉक के सिउर प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को बीती 22 अगस्त को मिड डे मील में नमक-रोटी खिलाये जाने के मामले में शासन ने ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। वहीं मीरजापुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी को हटाकर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रयागराज में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर तैनात कर दिया गया है। उन्हें एक हफ्ते में अपना स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। ऐसा न करने पर शासन उनके खिलाफ गुण-दोष के आधार पर निर्णय करेगा। 

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यह मामला उजागर होने पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश द्विवेदी ने मीरजापुर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी। जांच रिपोर्ट मिलने पर उन्होंने शनिवार को विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर मंत्री ने जमालपुर ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार सिंह को निलंबित करने का निर्देश दिया। मंत्री के निर्देश के क्रम में खंड शिक्षा अधिकारी को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

निलंबन की अवधि में वह अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे। वहीं मीरजापुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर नियमित तैनाती होने तक जिले के मुख्य विकास अधिकारी को बीएसए का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। 

जिम्मेदारी से मुंह मोड़े रहे जिम्मेदार
मीरजापुर के जिलाधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल के बच्चों ने बताया कि उन्हें 22 अगस्त को नमक-रोटी खिलायी गई थी। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका राधा लगातार अवकाश पर ही रही हैं। खंड शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार सिंह ने सिर्फ एक बार 26 अप्रैल 2019 को विद्यालय का निरीक्षण किया था। डीसी एमडीएम ने एक बार भी विद्यालय में मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच नहीं की। न्याय पंचायत रिसोर्स सेंटर के अरविंद कुमार त्रिपाठी ने भी विद्यालय का निरीक्षण व एमडीएम की जांच नहीं की। शिक्षामित्र शांतिदेवी के सहारे ही विद्यालय चलता रहा। बीएसए ने भी विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया, न ही विद्यालय में नियमित अध्यापक नियुक्त करने का कोई प्रयास किया गया।


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