मौनी अमावस्या पर चार ग्रहों का बन रहा विशेष संयोग, ऐसा करने पर पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति
पितृ दोष से मुक्ति के लिए आप एक फरवरी को मौनी अमावस्या पर स्नान कर दान पुण्य कर सकते हैं। भगवान विष्णु के साथ ही पीपल की पूजा करने से विशेष कृपा मिलेगी। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि माघ मास के कृष्ण पक्ष की माघ अमावस्या की शुरुआत होगी।
लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। पितृ दोष से मुक्ति के लिए आप एक फरवरी को मौनी अमावस्या पर स्नान कर दान पुण्य कर सकते हैं। भगवान विष्णु के साथ ही पीपल की पूजा करने से विशेष कृपा मिलेगी। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या की शुरुआत होगी। मंगलवार को सुबह 11:15 बजे तक मान रहेगा।
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि अमावस्या तिथि दिन में लग रही है इसलिए सोमवार को दिन में श्रद्धा व पितरों का तर्पण पूजन किया जा सकता है। एक फरवरी को सुबह स्नान दान किया जा सकता है। इसी दिन मौनी अमावस्या का स्नान, दान और व्रत रखा जाएगा। पवित्र नदियों में स्नान करके पूरे दिन मौन रहकर उपवास करना चाहिए। आचार्य अरुण कुमा मिश्रा ने बताया कि भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। तिल, तिल का तेल , आंवला , कंबल आदि वस्त्रों का दान करना चाहिए। जिनकी कुंडली में पितृ दोष है उनको पितरों को तर्पण कर दान करना चाहिए।
ऐसे करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है । आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में है और चार ग्रह सूर्य, बुध, चंद्र व शनि मकर राशि में महासंयोग बना रहे हैं। मान्यता है कि इस शुभ संयोग महोदय योग में कुंभ में डुबकी और पितरों का पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आदि गंगा गोमती के घाटों पर स्नान दान होगा। कुड़ियाघाट, झूलेलाल घाट, लक्ष्मण मेला के छठ घाट, अग्रसेन घाट, लल्लूमल घाट, सहित अन्य घाटों पर स्नान दान होगा।