उन्नाव कांड में एक नई कालः एक करोड़ दे दो सीबीआइ से मैनेज करा देंगे विधायक सेंगर का केस
उन्नाव दुष्कर्म कांड में आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आरोपों से बरी कराने के नाम पर दो युवकों ने उनकी पत्नी से एक करोड़ रुपये मांगे।
लखनऊ (जेएनएन)। उन्नाव दुष्कर्म कांड में आरोपित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आरोपों से बरी कराने के नाम पर दो युवकों ने उनकी पत्नी से एक करोड़ रुपये मांगे। आरोपितों ने सीबीआइ से डील कराने का झांसा देकर कई बार फोन पर बातचीत की। शक होने पर घरवालों ने इसकी शिकायत गाजीपुर थाने में की। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक, पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने रुपये कमाने के लिए साजिश रची थी।
सीओ गाजीपुर अवनीश्वर श्रीवास्तव के मुताबिक, पांच मई को विधायक की पत्नी संगीता सिंह के पास अनजान नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को भाजपा का वरिष्ठ नेता बताया। बातचीत के दौरान आरोपित ने कहा कि आप बहुत परेशान हैं पूरे मामले को लेकर... आप मुझे एक करोड़ रुपये दीजिए, मैं सीबीआइ से केस मैनेज करा दूंगा। यह सुनकर विधायक की पत्नी ने फोन काट दिया।
सीबीआइ में मेरी पकड़
छह मई को संगीता सेंगर के पास दोबारा कॉल आई। फोन करने वाले ने कहा कि उसकी सीबीआइ में अच्छी पकड़ है। उसने कुछ लोगों से बात की है। रुपये देकर सबकुछ मैनेज हो जाएगा। छह मई को आरोपित और संगीता के बीच कुल छह बार फोन पर बात हुई। इसके बाद संगीता ने परिवार के अन्य सदस्यों को मामले की जानकारी दी।
50 लाख दे दो बाकी मैं दे दूंगा
पुलिस के मुताबिक बातचीत के दौरान आरोपित ने संगीता से कहा कि अगर आप एक करोड़ रुपये नहीं दे पा रही हैं तो 50 लाख की ही व्यवस्था कर दीजिए। यही नहीं, आरोपित ने शेष 50 लाख रुपये अपने पास से लगाने की बात कही। यह सुनकर विधायक के घरवालों ने इसकी पड़ताल शुरू की।
सीबीआइ ऑफिस ले आना रुपये
50 लाख रुपये लेने के लिए आरोपितों ने पहले जानकीपुरम सहारा स्टेट के पास आने के लिए कहा। पूछने पर आरोपितों ने अकेले में रुपये लेकर आने को बोला। बाद में उन्होंने कहा कि रुपये सीबीआइ के दफ्तर लेकर आ जाना।
पड़ताल में गहराया शक
विधायक के परिवारीजन ने जब फोन पर पूछताछ की तो आरोपित घबरा गए। कभी खुद को सीबीआइ अफसर तो कभी भाजपा नेता बताया। इससे घरवालों को शक हुआ। बुधवार संगीता सेंगर ने गाजीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर छानबीन की तो उक्त मोबाइल नंबर देवरिया खुर्द, चिनहट निवासी विजय रावत और सूर्य मऊ गोसाईगंज, लखनऊ निवासी आलोक द्विवेदी का निकला। इसके बाद पुलिस ने गुरुवार को आलोक और विजय को पॉलीटेक्निक चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया।
सिपाही की तैयारी कर रहा था आलोक
पूछताछ में पता चला कि आलोक द्विवेदी सिपाही भर्ती की तैयारी कर रहा था। आलोक के पिता पहले पुलिस में थे लेकिन नौकरी छोड़ दी थी। वहीं विजय रावत एक ठेकेदार के यहां काम करता था। पुलिस दोनों के आपराधिक इतिहास का पता लगा रही है।
गूगल से निकाला था फोन नंबर
कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता उन्नाव की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। आरोपितों ने बताया कि उन्होंने गूगल से संगीता का मोबाइल नंबर निकाला था और फिर उन्हें फोन किया। आलोक ने पहले अपने नंबर से बात की थी। बाद में उसने विजय रावत का फोन इस्तेमाल किया था।
पीडि़ता की मां के कलमबंद बयान
उन्नाव के माखी गांव की पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले में मां ने गुरुवार को सीबीआइ कोर्ट लखनऊ में कलमबंद बयान दर्ज कराए। पीडि़ता और उसके परिजन को सीबीआइ ने बयान के लिए लखनऊ बुलाया था। पूरा परिवार गुरुवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे कड़े सुरक्षा घेरे में लखनऊ रवाना हुए। बताते हैं कि कोर्ट में सीबीआइ ने पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले में उसकी मां को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया। जहां उनका बयान सीबीआइ के मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया जबकि परिवार के अन्य सदस्यों के बयान के लिए बाद में बुलाया गया है।
नहीं बढ़ाई गई सुरक्षा
बुधवार कोपीडि़त परिवार की सुरक्षा में लगी पीएसी को हटा लिया गया था। इसी के बाद पीडि़ता के चाचा ने शिकायत दर्ज कराई थी। सुरक्षा कम करने पर मची खलबली के बीच पीएसी लगाने और सुरक्षा बढ़ाने की बात सामने आई लेकिन, गुरुवार को भी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इससे पीडि़ता व उसका परिवार सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर चिंतित है।