UP के गोंडा में घोड़े में मिली ग्लैंडर्स खतरनाक बीमारी, जहर का इंजेक्शन देकर गड्ढे में दफनाया; इंसानों को खतरा
गोंडा के कर्नलगंज तहसील क्षेत्र का मामला। पशुचिकित्सा विभाग की टीम ने एक घोड़े को जहर का इंजेक्शन देकर शव को जेसीबी के मदद से गड्ढा खोद कर दबा दिया। मिला था बरखोडिया मेलियाइ नामक खतरनाक वायरस से संक्रमित। इंसानों में तेजी से फैलता है वायरस।
गोंडा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के गोंडा में शुक्रवार को पशुचिकित्सा विभाग की टीम ने एक घोड़े को जहर का इंजेक्शन देकर मार दिया। इसके बाद घोड़े के शव को जेसीबी के मदद से गड्ढा खोद कर दबाया गया। बताया जा रहा है कि दो घोड़े अचानक बीमार हो गए। उन्हें पशु अस्पताल ले जाया गया। लैब की जांच में एक घोड़ा ग्लैंडर्स खतरनाक बीमारी से ग्रसित पाया गया। यह बीमारी बीमारी बारखेल डेरिया मेलियाई नामक जीवाणु से फैलने से होती है। यह रोग इंसानों के लिए भी संकट पैदा कर रहा है। कोरोना के बाद ग्लैंडर्स लोगों के लिए बड़ा खतरा बनने की आशंका ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल रही है।
इंसानों में तेजी से फैलता है संक्रमण: दरअसल, कर्नलगंज के बमपुलुस मुहल्ला निवासी ईदू के दो घोड़े अचानक बीमार हो गए। घोड़ों को पशु अस्पताल ले जाया गया। लैब की जांच में पता चला कि एक घोड़ा बारसेल डेरिया मेलियाई नामक बैक्टीरिया के कारण ग्लैंडर्स बीमारी से संक्रमित मिला। शुक्रवार को घोड़े को पशुचिकित्सा विभाग की टीम ने नगर से बाहर ले जाकर जहर का इंजेक्शन दिया। घोड़े के शव को जेसीबी के मदद से गड्ढा खोद कर दबा दिया। इसके बाद पशु पालन विभाग ने आसपास के अन्य घोड़ों की सैंपलिंग की तैयारी की है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरएस राठौर ने बताया कि कर्नलगंज में एक घोड़े में ग्लैंडर्स की बीमारी मिली है, इसके बाद आसपास के अन्य घोड़ों की भी जांच कराई जाएगी। इसके लिए उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ सुरेश कुमार तिवारी, पशुचिकित्साधिकारी डॉ. त्रिवेणी कुमार, पशुधन प्रसार अधिकारी अनिल ,फार्मासिस्ट अतुल कुमार, विनोद कुमार की टीम को लगाया गया है। सतर्कता बरती जा रही है। साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
एक नजर बीमारी पर: घोड़ों में पाई जाने वाली ग्लैंडर्स नामक बीमारी बैक्टीरिया जनित बीमारी है। इसमें घोड़े की आंख व नाक से पानी आने के साथ ही गांठ व चकत्ते पड़ जाते हैं। इसकी चपेट में आकर देखभाल करने वाले आदमी में भी पहुंचने की आशंका रहती है। वह छाती में दर्द, नाक व मुंह से पानी आने के साथ ही सांस लेने में तकलीफ की समस्या से प्रभावित होता है। ऐसे में सतर्कता बरती जा रही है।