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शहर की 4080 स्ट्रीट लाइट बेकार, नगर निगम लाचार

जागरण संवाददाता, लखनऊ : निरालानगर आठ नंबर चौराहे के आसपास कुछ दिन पहले ही एलइडी खंभों पर ल

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Mar 2018 08:41 PM (IST)Updated: Thu, 15 Mar 2018 10:07 PM (IST)
शहर की 4080 स्ट्रीट लाइट
बेकार, नगर निगम लाचार
शहर की 4080 स्ट्रीट लाइट बेकार, नगर निगम लाचार

जागरण संवाददाता, लखनऊ : निरालानगर आठ नंबर चौराहे के आसपास कुछ दिन पहले ही एलइडी खंभों पर लगाई गईं थीं, लेकिन अब वह बंद पड़ी हैं। उसे ठीक करना निजी कंपनी का जिम्मा है, लेकिन कंपनी की मनमानी के आगे नगर निगम के अफसर भी मजबूर हैं। ऐसा ही हाल शहर के अन्य इलाकों का भी है। इंदिरानगर, गोमतीनगर, आलमबाग, चौक, अलीगंज, जानकीपुरम समेत शहर के विभिन्न इलाकों से नगर निगम के कंट्रोल रूम में गुरुवार शाम तक 4080 शिकायतें स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराने की दर्ज हो चुकी थी, लेकिन नगर निगम के पास उसे ठीक कराने की कोई व्यवस्था नहीं है।

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दरअसल शहर की स्ट्रीट लाइटें दोहरी व्यवस्था में फंस गई है। बेहाल हो गए नगर निगम के कंट्रोल रूम से भी किसी को सही जवाब नहीं दिया जा रहा और प्रभारी मुख्य अभियंता मार्ग प्रकाश का मोबाइल नंबर देकर उनसे बात करने को कहा जा रहा है।

लाइटें लगाने वाली कंपनी को ही करनी है मरम्मत

खराब हो गई सोडियम लाइटों को नगर निगम ठीक नहीं करा रहा है। कारण यह है कि एलइडी लाइटों को लगाने वाली कंपनी को ही उसकी मरम्मत भी देखनी है, लिहाजा नगर निगम सोडियम लाइटों को भी ठीक नहीं करा रहा है, वहीं एलइडी लगाने वाली मेसर्स एनर्जी एफीशिएंसी सर्विस लिमिटेड का काम इतना धीमा है कि अभी 40 हजार एलइडी को लगाने का दावा किया जा रहा है, जिसमे से अधिकांश लगने के कुछ दिन बाद ही बंद हो रही हैं। वैसे शहर में 1.37 लाख पोल पर लगी इन एलइडी को ठीक किया जाना है। लगाए जाने की समयसीमा भी जनवरी में ही खत्म हो चुकी है।

पार्षद भी उठा चुके हैं मुद्दा

नगर निगम के नीतिगत निर्णय लेने वाली कार्यकारिणी समिति की 12 फरवरी को बैठक में पार्षदों ने स्ट्रीट लाइटों के खराब होने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि पुरानी सोडियम लाइटों को ठीक नहीं किया जा रहा है, जबकि नई एलइडी खराब हो रही हैं। पार्षद सुशील कुमार तिवारी ने कहा था कि एलइडी बड़े पैमाने खराब हो रही है। पार्षद गिरीश मिश्र ने भी स्ट्रीट लाइटों के खराब होने का मुद्दा उठाया था और कहा था कि जब तक एलइडी को लगाने वाली कंपनी अपना प्लान, कंट्रोल रूम और स्टोर रूम नहीं बनाती है तब तक कंपनी का काम रोका जाए, लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नजर नहीं आया। कंट्रोल रूम में स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराने की शिकायतों की भरमार हो गई है।

सोडियम व रॉड फिटिंग को ठीक कराने की सामग्री ही नहीं

नगर निगम मार्गप्रकाश के प्रभारी मुख्य अभियंता कमलजीत सिंह कहते हैं कि सोडियम व रॉड फिटिंग को ठीक कराने का सामान नहीं हैं। इन्वेस्टर्स समिट के दौरान रोड लाइटों की मरम्मत का सामान मंगाया गया था, उसी से काम चलाया जा रहा है। वह मानते हैं कि एलइडी बहुत खराब हो रही हैं और मेसर्स एनर्जी एफीशिएंसी सर्विस लिमिटेड के अधिकारियों से उसे ठीक करने को कहा गया है।


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