एलडीए के बर्खास्त अधिकारी को 95 लाख का रिकवरी नोटिस
नहीं जमा किया गया था 12 भूखंड का एक भी रुपया। जानकीपुरम घोटाले में शासन ने एलडीए को दिया आदेश।
लखनऊ[ऋषि मिश्र]। घोटाले के मामले में एलडीए अब तक का सबसे बड़ा रिकवरी नोटिस भेज रहा है। जानकीपुरम घोटाले में एलडीए के बर्खास्त अनुसचिव को 95 लाख रुपये का नोटिस भेजा जा रहा है। शासन ने इस संबंध में प्राधिकरण को घोटाले में हुए नुकसान की रिकवरी करने का आदेश दिया है। इसमें बर्खास्त अनुसचिव पर 95 लाख रुपये की रिकवरी बन रही है। प्राधिकरण ने अब तक इतनी बड़ी रिकवरी किसी अधिकारी या कर्मचारी से नहीं की है। 177 भूखंडों के घोटालों में 12 प्लाटों में एक भी रुपया जमा किए बिना ही आवंटन कर दिया गया था।
शासन ने अपने एक ताजा आदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों से रिकवरी के लिए प्राधिकरण को नया आदेश जारी किया है। इस संबंध में एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह को आवास विभाग के विशेष सचिव योगेश चंद्र की ओर से पत्र लिखा गया था। करीब 28 लाख रुपये की वसूली 12 भूखंडों के लिए करने का प्रस्ताव पास किया गया था। मगर ये प्रस्ताव सरसरी तौर पर ही पास किया गया था। सबसे पहले रामप्रकाश सिंह तत्कालीन अनुसचिव से करीब 95 लाख रुपये की वसूली करने का आदेश किया है। सचिव एमपी सिंह तहसील को पत्र लिख कर नोटिस जारी करने के लिए कह रहे हैं। पत्र तैयार कर लिया गया है। भू राजस्व वसूली की तर्ज पर 95 लाख रुपये वसूल किए जाएंगे। तहसीलदार और जानकीपुरम योजना प्रभारी राजेश शुक्ल ने बताया कि नोटिस जारी किया जा रहा है। शासन का इस संबंध में सख्त आदेश है।
यह था मामला:
ग्रीन बेल्ट पर करीब 423 प्लाट काट दिए थे। इन प्लाटों पर मकान भी बन गए। नक्शे जमा किए जाने लगे तो पता चला कि प्लाट ही नहीं हैं। 2006 में जब इस मामले में केस दर्ज हुआ तो पाच अधिकारी सस्पेंड हुए। सीबीआइ जाच में 177 लोगों ने अपने कागज प्रस्तुत किए। सारे प्लाटों का आवंटन एक सुनियोजित साजिश था। 11 अधिकारी सस्पेंड हुए और कुछ को जेल तक जाना पड़ा था। कल्पतरु अपार्टमेंट के बेसमेंट में भरा गंदा पानी, फैली बदबू :
गोमती नगर विस्तार के कल्पतरु अपार्टमेंट में भारी बारिश और नालों के ओवरफ्लो के चलते बेसमेंट जलनिकासी का पाइप फट गया। इससे बेसमेंट में गंदा और बारिश का पानी भर गया है, जिससे यहा के आवंटी बेहाल हैं। कल्पतरु अपार्टमेंट रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी रामकुमार यादव ने बताया कि एलडीए की घोर लापरवाही है।