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यूपी में फर्जी बीएड डिग्री वाले 756 शिक्षकों की जाएगी नौकरी, अब तक 1606 फर्जी बर्खास्त; 208 करोड़ वसूले

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड के फर्जी प्रमाण पत्रों से शिक्षक की नौकरी पाने वाले 4706 अभ्यर्थियों को एसआइटी जांच में चिह्नित किया गया था। इनमें से 2823 अभ्यर्थी ऐसे थे जिनका न तो कोई रिकॉर्ड मिला और न ही उन्होंने विश्वविद्यालय को प्रत्यावेदन दिया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 05:52 PM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 09:17 AM (IST)
यूपी में फर्जी बीएड डिग्री वाले 756 शिक्षकों की जाएगी नौकरी, अब तक 1606 फर्जी बर्खास्त; 208 करोड़ वसूले
यूपी में फर्जी बीएड डिग्री वाले 756 शिक्षकों की नौकरी जाना तय है।

लखनऊ [राजीव दीक्षित]। आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की फर्जी बीएड डिग्री के बूते परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने वालों को हाई कोर्ट से झटका लगने के बाद अब बर्खास्तगी की कार्रवाई में तेजी आने के आसार हैं। ऐसे 756 फर्जी शिक्षकों की नौकरी जाना तय है। यूपी के परिषदीय स्कूलों में फर्जी अभिलेखों के जरिये नौकरी पाने वाले कुल 1606 शिक्षक अब तक बर्खास्त किए जा चुके हैं। इनमें से 266 शिक्षकों से 208.40 करोड़ रुपये की वेतन वसूली भी की जा चुकी है।

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षक की नौकरी पाने वाले 4706 अभ्यर्थियों को एसआइटी जांच में चिह्नित किया गया था। इनमें से 2823 अभ्यर्थी ऐसे थे, जिनका न तो कोई रिकॉर्ड मिला और न ही उन्होंने विश्वविद्यालय को प्रत्यावेदन दिया। ऐसे सभी अभ्यर्थियों को फर्जी घोषित किया जा चुका है। इनमें से 219 अभ्यर्थी परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने में कामयाब हुए थे जिनमें से 214 फर्जी शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी है। इनमें से 73 शिक्षकों को वेतन वसूली की नोटिस दी गई थी जिनमें से 24 शिक्षकों से 75.93 करोड़ रुपये की वसूली हुई।

इनके अलावा जिन 814 अभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन दिया था, विश्वविद्यालय ने उनमें से दो को सही और 812 को फर्जी पाया है। फर्जी पाए गए अभ्यर्थियों में से 756 परिषदीय स्कूलों में शिक्षक के तौर पर तैनात हैं जिनके खिलाफ बर्खास्तगी का रास्ता साफ हो गया है। अभी तक इनमें से 712 शिक्षकों का वेतन रोका गया था।

शासन ने वर्ष 2018 में आदेश जारी कर वर्ष 2010 के बाद फर्जी अभिलेखों के आधार पर परिषदीय शिक्षक की नियुक्ति पाने वालों के अभिलेखों की जांच जिला स्तरीय समिति से कराने का निर्देश दिया था। अभिलेखों की जांच में 1294 शिक्षक फर्जी अभिलेखों के माध्यम से नौकरी करते पाए गए थे। इनमें से 1274 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है जबकि 242 शिक्षकों से 132.47 करोड़ रुपये की वेतन वसूली भी की गई है। इनके अलावा एसटीएफ ने 105 और फर्जी शिक्षकों को चिन्हित किया है जिनमें से 85 की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं।

एसटीएफ ने पिछले वर्ष फर्जी अभिलेखों के मुख्य अभियुक्त यदुनंदन यादव को गिरफ्तार कर उसकी गाड़ी से 76 शिक्षकों के अभिलेख बरामद किये थे। इन अभिलेखों की जांच में फर्जी पाए गए 17 शिक्षकों की सेवाएं खत्म की गई हैं। डुप्लीकेट पैन नंबर का मामला सामने आने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने 192 शिक्षकों के अभिलेखों की जांच कराई थी। इस जांच में फर्जी मिले 15 शिक्षकों को भी बर्खास्त किया गया है। बैंक खाता नंबर की डुप्लीकेसी के मामले में अभिलेखों की जांच में एक शिक्षक को बर्खास्त किया गया है।


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