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बेटी के पीले हो गए हाथ, लापरवाही में फंसी सरकारी इमदाद

गोंडा के तहसील व ब्लॉक के अफसरों की लापरवाही से नहीं मिल सका शादी अनुदान अभी तक जांच के लिए 723 आवेदन लंबित अभिलेख मिलने का इंतजार कर रहा विभाग सीडीओ ने निरीक्षण कर लिया व्यवस्थाओं का जायजा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 09:24 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 09:24 PM (IST)
बेटी के पीले हो गए हाथ, लापरवाही में फंसी सरकारी इमदाद
गोंडा में शादी अनुदान के इंतजार में लंबित हैं 723 आवेदन, कई मामलों शादी के बाद भी नहीं मिला अनुदान।

गोंडा, [वरुण यादव]। तरबगंज के पुद्दन ने बेटी की शादी तय करके अनुदान के लिए आवेदन किया था। शादी भी हो गई और अनुदान चार माह बाद भी नहीं मिल सका। मनकापुर के सियाराम भी सरकारी इमदाद के लिए विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं। ये तो सिर्फ बानगी है। गरीबों की बेटियों के हाथ पीले करने के लिए सरकार शादी अनुदान योजना संचालित कर रही है।

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ब्लॉक व तहसील स्तर पर अफसरों की लापरवाही के कारण गरीबों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अकेले समाज कल्याण विभाग में 819 आवेदन ऑनलाइन जमा हुए हैं। सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने कार्यालय का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इनसेटकिस ब्लॉक में हुए कितने आवेदन- ग्रामीण क्षेत्र के तहत बभनजोत में 27, बेलसर 65, छपिया 25, कर्नलगंज 63, हलधरमऊ 61, इटियाथोक 27, झंझरी 42, कटराबाजार 39, मनकापुर 47, मुजेहना 24, नवाबगंज 30, पंडरीकृपाल 24, परसपुर 132, रुपईडीह 43, तरबगंज 47, वजीरगंज 47, नगर क्षेत्र के तहत कर्नलगंज में दो, गोंडा में छह, मनकापुर दो व नवाबगंज में 76 समेत 819 आवेदन हुए हैं। इनमें से 94 स्वीकृत, दो अस्वीकृत व 723 लंबित हैं।कितनी मिलती है धनराशि - शादी अनुदान योजना के तहत पात्रों को 20 हजार रुपये की धनराशि दी जाती है। समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में धनराशि बराबर है। ये धनराशि आवेदक के बैंक खाते में ऑनलाइन भेजी जाती है। क्या है पात्रता शर्त -ग्रामीण क्षेत्र में आवेदक की वार्षिक आय 46080 रुपये से अधिक न हो।-शहरी क्षेत्र में आवेदक की वार्षिक आय 56460 रुपये से अधिक न हो,वर की आयु की 21 वर्ष से कम न हो,कन्या की आयु 18 वर्ष से कम न हो,आवेदक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता हो।

जिम्मेदार के बोल -जिला समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल ने बताया कि शादी अनुदान योजना के तहत काफी संख्या में आवेदन पत्र तहसील व ब्लॉक स्तर पर जांच के लिए लंबित हैं। कुछ आवेदन पत्रों की ऑनलाइन जांच करके स्वीकृति तो कर दी गई लेकिन, मूल अभिलेख न मिलने के कारण लाभ नहीं दिया जा सका है। संबंधित बीडीओ व एसडीएम को पत्र भेजा गया है।-  


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