69 हजार शिक्षक भर्ती : दो सगे भाइयों पर भी STF की निगाह, सॉल्वर गिरोह के सक्रिय होने की आशंका
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता की छानबीन में जुटी एसटीएफ की निगाह अब दो सगे भाइयों पर भी टिकी है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता की छानबीन में जुटी एसटीएफ की निगाह अब दो सगे भाइयों पर भी टिकी है। बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार सिंह और उसके भाई भूगर्भ जल संस्थान में कार्यरत अजय कुमार सिंह की गतिविधियों की जानकारी जुटाई जा रही है। लखनऊ, प्रयागराज व प्रतापगढ़ के अलावा अन्य जिलों में सॉल्वर गिरोह के सक्रिय होने की आशंका के चलते कई बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है।
एसटीएफ ने मामले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। ध्यान रहे, एसटीएफ ने पूर्व में छह जनवरी 2019 को परीक्षा के दौरान लखनऊ के नेशनल इंटर कॉलेज में सॉल्वर गिरोह को पकड़ा था। तब आरोपित सिपाही अरुण कुमार सिंह को कॉलेज के बाहर नकदी व उत्तर कुंजी के साथ पकड़ा था। बाद में अरुण सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
इस मामले में अरुण के भाई अजय कुमार सिंह की भूमिका भी सामने आई थी। अब एसटीएफ इन दोनों के डॉ.केएल पटेल से कनेक्शन खंगाल रही है। प्रयागराज व प्रतापगढ़ में पकड़े गए सॉल्वर गिरोह से भी इनके तार जुड़े हो सकते हैं। माना जा रहा है कि एसटीएफ जल्द डॉ.पटेल व प्रयागराज में पकड़े गए अन्य आरोपितों को पूछताछ के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकती है। मूलरूप से प्रतापगढ़ निवासी आरोपित अजय कुमार सिंह मेरठ में तैनात था।
अनामिका प्रकरण में भी एसटीएफ सक्रिय : अनामिका शुक्ला की मार्कशीट के जरिए कई सहायक अध्यापकों के नौकरी करने के प्रकरण पर भी एसटीएफ की नजर है। सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ इस मामले की भी अंदरखाने छानबीन कर रही है। कासगंज में अनामिका शुक्ला की मार्कशीट पर नौकरी कर रही दूसरी युवती के पकड़े जाने पर मामला सुर्खियों में आया था और बाद में गोंडा में असली अनामिका शुक्ला सामने आई थीं। उन्होंने अपने शैक्षणिक दस्तावेजों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। एसटीएफ की एक टीम ने गोंडा जाकर भी छानबीन की है।