एक पद पर 110 आवेदन, पीजीआइ में नर्सिंग पद के लिए मची होड़ Lucknow News
एसजीपीजीआइ लखनऊ में पांच सौ नर्सों की निकली नौकरी। जिसमें 55 हजार आवेदन पहुंचने से दिक्कत बढ़ी।
लखनऊ, जेएनएन। नर्सिंग की पढ़ाई के लिए निजी और सरकारी क्षेत्र में रोज नए कॉलेज खुल रहे हैं। नौकरी की गारंटी का लुभावना सपना दिखाकर प्रवेश लिए जा रहे हैं मगर हकीकत में ऐसा नहीं है। ट्रेंड नर्सों की बेकार फौज खड़ी हो गई है। पीजीआइ में नर्सों के लिए खाली पांच सौ पद गवाह हैं। जगह निकलते ही दो-चार हजार नहीं बल्कि 55 हजार आवेदन अब तक पहुंच गए हैं। इसे देखकर ही ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन व पीजीआइ नर्सेज एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जब तक सारी ट्रेंड नर्सों का समायोजन न हो जाए, तब तक पाठ्यक्रम पर रोक लगाई जाए।
ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह का कहना है कि ट्रेंड नर्सेज का शोषण हो रहा है। बेरोजगारी का आलम यह है कि पीजीआइ में अक्टूबर 2018 में 500 नर्सेज की जगह निकली है जिसके लिए 55 हजार लड़कियों ने आवेदन किया है। एक पद के लिए 110 लड़कियों ने दावेदारी पेश की है।
बंद हो आउटसोर्सिंग, मिले समान मानदेय
पीजीआइ नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने मांग की है कि प्रदेश के संस्थानों में आउटसोर्सिंग पर नर्सों की तैनाती तुरंत बंद की जाए। जो काम कर रही हैं, पहले उनके साथ न्याय किया जाए। इन्हें रेलवे, एम्स दिल्ली की तरह मानदेय दिया जाए। साथ ही, जैसे देश में नए एम्स खुलते समय तैनात की गईं नर्सेज को पांच साल की सेवा के बाद काम के आधार पर रेगुलर किया गया, वैसा ही प्रदेश के संस्थानों में किया जाए।
उत्तर प्रदेश में नर्सिग डिप्लोमा सीट : 13,553
बीएससी नर्सिंग सीट : 5,150
ट्रेंड नर्सेज की कुल सीट : 18,703
नर्सिंग डिप्लोमा के लिए मान्यताप्राप्त कॉलेज : 308
बीएससी नर्सिंग के लिए मान्यताप्राप्त कॉलेज : 133
किसी निजि कॉलेज से नर्स की ट्रेनिंग के लिए तीन से 3.5 लाख रुपये फीस में जाते हैं। इसमें रहने-खाने खर्च जोड़ दें तो पांच से सात लाख खर्च होता है।
सरकारी कॉलेज में एक साल की फीस 55 हजार है