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एलडीए में पचास संपत्तियों की जांच करने पहुंचे एसीपी

लखनऊ जेएनएन। एलडीए चर्चा में बना हुआ है। यहां पचास संपत्तियों की हेराफेरी कैसे की गई

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 01:14 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 01:14 AM (IST)
एलडीए में पचास संपत्तियों की जांच करने पहुंचे एसीपी
एलडीए में पचास संपत्तियों की जांच करने पहुंचे एसीपी

लखनऊ, जेएनएन। एलडीए चर्चा में बना हुआ है। यहां पचास संपत्तियों की हेराफेरी कैसे की गई, इस पूरे खेल में किसकी भूमिका संदिग्ध है और कौन कर्मचारी व अधिकारी संलिप्त है। इसका खुलासा जल्द ही होने जा रहा है। एलडीए अधिकारियों के पास इन संपत्तियों का ब्योरा तो पहले से ही है, सिर्फ किस बाबू ने किस दिन कंप्यूटर में रिकार्ड चढ़ाया और ओटीपी किसने बताया। इन पहलुओं की जांच करने के लिए पुलिस आयुक्त द्वारा नामित एसीपी विवेक रंजन ने गुरुवार को प्राधिकरण की संयुक्त सचिव ऋतु सुहास से मुलाकात की। इस दौरान एलडीए के सर्वर की जांच साइबर एक्सपर्ट से कराने की बात हुई। इतना ही नहीं साइबर एक्सपर्ट व एसीपी विवेक रंजन सिस्टम एक्जिक्यूटिव एसबी भटनागर से मिलने भी गए, लेकिन अवकाश पर होने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी। अब शुक्रवार को फिर वह अपनी टीम के साथ एलडी पहुंचेंगे।

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वहीं एलडीए इस जांच के बाद पांच साल पहले का भी इतिहास खंगालने पर विचार कर रहा है। साइबर एक्सपर्ट एक सूची तैयार करवा रहे हैं, इसमें यह दर्ज होगा कि जिस संपत्ति को जिस दिन कंप्यूटर पर दर्ज किया गया है, उस दिन संबंधित अधिकारी और कर्मचारी कही अवकाश पर तो नहीं था। इतना ही नहीं उसकी आइडी कैसे इस्तेमाल की गई, ओटीपी बाइपास किया गया या फिर अन्य साइबर एक्सपर्ट की मदद से इस पूरे खेल में एलडीए के राजस्व को सेंध लगाई गई। क्योंकि पचास संपत्तियों की हेराफेरी का मामला अक्टूबर 19 से अक्टूबर 2020 तक है। क्यों नहीं बंद की जाती मृतक बाबुओं की आइडी

एलडीए के कंप्यूटर सेल में सेवानिवृत्त और मृतक कर्मियों की आइडी इस्तेमाल कर संपत्तियों में हेराफेरी हो रही है। इसका खुलासा वास्तुखंड में छह संपत्तियों में हो चुका है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि सेवानिवृत्त व मृतक कर्मियों की आइडी बंद क्यों नहीं की जाती। एलडीए के जेई व एई को विहित प्राधिकारी का नोटिस एलडीए के विहित प्राधिकारी ने गोमती नगर के अवर अभियंता व सहायक अभियंता को नोटिस जारी किया है। इसमें पूछा गया है कि आखिर उनके द्वारा गोमती नगर के विवेक खंड तीन स्थित आवासीय परिसर में पतंजलि स्टोर खुलने की सूचना दी गई थी। इसके बाद भी इसे रोका क्यों नहीं गया? सात दिन के भीतर अवर अभियंता जितेंद्र कुमार और सहायक अभियंता राजकुमार से इस पर जवाब मांगा गया है। ऐसा न होने पर विभागीय कार्रवाई के लिए लिखने की बात कही गई है।

विहित प्राधिकारी पंकज कुमार ने पत्र में उल्लेख किया है कि टीडी ग‌र्ल्स कॉलेज के पास पतंजलि का स्टोर खुलने की सूचना 10 को और फिर 12 नवंबर को प्राप्त हुई। फिर भी आप दोनों ने कोई रोक नहीं लगाई गई। इससे अनाधिकृत निर्माण में अभियंताओं की भूमिका संलिप्त की बात कही गई है। पूरे मामले से एलडीए उपाध्यक्ष व सचिव को भी अवगत कराया गया है।


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