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यूपी बेसिक शिक्षा विभाग: कड़ाके की ठंड में भी 40 लाख बच्चों को नहीं मिले स्वेटर, अफसरों की कार्यशैली पर सवाल

इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है और शीतलहरी चलने से धूप बेअसर है। सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद व सहायताप्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को ठंड से बचाने के लिए स्वेटर दिलाने के इंतजाम भी किए हैं लेकिन बच्चों को अभी तक मिले नहीं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 07:44 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 03:31 PM (IST)
यूपी बेसिक शिक्षा विभाग: कड़ाके की ठंड में भी 40 लाख बच्चों को नहीं मिले स्वेटर, अफसरों की कार्यशैली पर सवाल
यूपी में 40 लाख छात्र-छात्राओं को धन भेजने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है और शीतलहरी चलने से धूप बेअसर है। सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद व सहायताप्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों को ठंड से बचाने के लिए स्वेटर दिलाने के इंतजाम भी किए हैं लेकिन, अफसरों की कार्यशैली से सभी बच्चों को उसका लाभ अब तक नहीं मिल सका है। करीब 20 लाख बच्चों के अभिभावकों को जल्द धन मिलने जा रहा है, जबकि 40 लाख छात्र-छात्राओं को धन भेजने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। 

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प्रदेश सरकार ने पहली बार प्राथमिक विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों को मुफ्त दी जाने वाली सामग्री खरीदने का जिम्मा अभिभावकों को सौंपा, हर छात्र को 1100 रुपये उनके बैंक खाते में भेजने का निर्देश दिया, ताकि उन्हें समय पर सारी सामग्री मिल जाए और उसकी गुणवत्ता पर भी सवाल भी नहीं उठे। ज्ञात हो कि पिछले वर्षों में स्वेटर आपूर्ति में देरी और जूता-मोजा व बैग की गुणवत्ता सही नहीं मिली थी। नवंबर में एक करोड़ 20 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में धन भेजा जा चुका है।

इसके बाद करीब 60 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को धन भेजा जाना था, उनमें से करीब 20 लाख को भुगतान करने का निर्देश हो गया है, जबकि 40 लाख अभिभावकों का बैंक खाता व उसका आधार से जुड़े होने का परीक्षण चल रहा है। इस समय प्रदेशभर के विद्यालय भले ही बंद हैं, लेकिन स्वेटर होने से बच्चे ठंड से आसानी से बच सकते थे। वे धन मिलने की राह देख रहे हैं। विभागीय अफसर सिर्फ यही कह रहे हैं कि सभी को धन देने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

स्कूल बंद, शिक्षकों की हाजिरी अनिवार्यः कोरोना संक्रमण की वजह से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को 23 जनवरी तक बंद किया गया है, वहीं, परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है। इससे शिक्षक खफा हैं उनका कहना है कि कोरोना के विकट दौर में क्या वे उपस्थित होकर संक्रमित नहीं होंगे? शिक्षकों का यह भी कहना है कि वे निर्वाचन कार्य में हर संभव सहयोग करने को तैयार हैं, फिर भी उन्हें जबरन बुलाया जा रहा है।


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