सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 40 लाख ठगे, ग्राम विकास अधिकारी और रेलवे में दिला रहे थे नौकरी
नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपये लेकर फरवरी 2019 में फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा।
लखनऊ, जेएनएन। ग्राम विकास अधिकारी और रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगों ने दो लोगों से 40 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। कनौसी निवासी विकास दुबे 2018 में दोस्त अंकित के रिश्तेदार अंकुर श्रीवास्तव से हुई। उसने खुद को सचिवालय में अधिकारी होने की बात कह उसकी ग्राम्य विकास अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती कराने का दावा किया। विकास का आरोप है कि अंकुर को नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपये लेकर फरवरी 2019 में फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। इंस्पेक्टर आशियाना संजय राय ने बताया कि अंकुर श्रीवास्तव के साथ उसके भाई अनुराग, अंजनी खरे, मोनिका और इंद्रा खरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
दूसरी तरफ सुल्तानपुर निवासी सिक्योरिटी एजेंसी संचालक जयशंकर मिश्रा से भरत सिंह रावत ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बीस लाख रुपये ले लिए। जयशंकर के मुताबिक उसने परिचित सोनू सिंह और पीयूष की मुलाकात भरत से कराई थी। उसने अपने साथी अमर जीत संग ग्रुप-डी पद पर भर्ती कराने के नाम पर दोनों से दस-दस लाख रुपये लेकर हड़प लिए। गौतमपल्ली थाना पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
मकान दिलाने पर पांच लाख की ठगी
रहीमनगर निवासी मो. रफी ने मकान दिलाने के नाम पर पांच लाख धोखाधड़ी का मामला अलीगंज थाने में दर्ज कराया। मो. रफी का आरोप है कि आदिलनगर निवासी गुड्डू खान गोमती बिल्डर के नाम से दफ्तर चलाता है। जो अक्सर सैलून में आता था। 2018 में गुड्डू ने कल्याणपुर में एक मकान का 11 लाख रुपये में सौदा तय कराया। मार्च से सितंबर के बीच चार किश्तों में उसने नौ लाख 50 हजार रुपये चेक से दिये थे। इसके बाद भी गुड्डू खान ने मकान की रजिस्ट्री नहीं की। पुलिस से शिकायत की बात कहने पर 4.50 लाख रुपये लौटा दिये। वहीं बचे रुपये देने से मुकर गया।