UP में कहर बनकर टूटी आकाशीय बिजली, कई जिलों में 41 लोगों की मौत व कई झुलसे, CM योगी ने जताया दुख
यूपी में झमाझम बारिश से उमस भरी गर्मी से राहत तो मिली लेकिन लोगों पर बिजली कहर बनकर गिरी। कई जिलों में वज्रपात से 41 लोगों की वज्रपात से मौत हो गई जबकि 32 से ज्यादा लोग झुलस गए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनहानि पर शोक व्यक्त किया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश रविवार को झमाझम बारिश से उमस भरी गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन लोगों पर बिजली कहर बनकर गिरी। राज्य के कई जिलों में वज्रपात से 41 लोगों की वज्रपात से मौत हो गई, जबकि 32 से ज्यादा झुलस गए। सिर्फ प्रयागराज में ही 14 लोगों की जान चली गई, जबकि चार लोग झुलस गए। कौशांबी में चार और प्रतापगढ़ एक व्यक्ति की मौत हुई। फतेहपुर में तीन महिलाओं सहित पांच, कानपुर देहात में महिला सहित पांच ने वज्रपात से दम तोड़ा। उन्नाव में चचेरे भाई-बहन की वज्रपात से मौत हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज जिले की तहसील कोरांव, बारा, करछना तथा सोरांव में बिजली गिरने की घटना से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगतों के परिवारीजन को अनुमन्य राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने के निर्देश दिए हैं। मृतकों के शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। वहीं, तहसील फूलपुर व सोरांव में घायलों का उपचार कराने के भी निर्देश दिए हैं।
प्रयागराज के कोरांव थाना क्षेत्र में तीन, बारा में तीन और करछना में दो लोगों की जान गई। गंगापार के सोरांव तहसील में विभिन्न स्थानों पर छह लोग जान गवां बैठे। मृतकों में एक बालक, दो किशोर, तीन किशोरियां और तीन महिलाएं तथा अधेड़ व बुजुर्ग हैं। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) एमपी सिंह ने बताया कि वज्रपात से मरने वालों का विवरण और नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। मृतक आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। छह भैंस और पांच बकरा, बकरियों की भी मौत हुई।
कौशांबी के चायल व मंझनपुर तहसील में दो-दो लोगों की मौत हुई। अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार ने यह जानकारी दी। प्रतापगढ़ में वज्रपात से लालगंज तहसील क्षेत्र में धान की रोपाई कर रहे युवक की जान चली गई। यहां पांच अन्य झुलस गए। हालांकि उनकी हालत खतरे से बाहर है। संगमनगरी में तीन बजे तक कभी तेज तो कभी मध्यम बरसात होती रही। शाम छह बजे तक कुछ जगहों पर बूंदाबांदी जारी थी। इससे उमस से फौरी तौर पर राहत मिल गई है। इससे पहले जून के दूसरे सप्ताह में जोरदार बारिश हुई थी। फिर क्रम थम सा गया था।
कानपुर और आसपास के जिलों में रविवार को बिजली गिरने से जिलों में 16 लोगों की मौत हो गई और 14 झुलस गए। वज्रपात में फतेहपुर में तीन महिलाओं सहित पांच, कानपुर देहात में महिला सहित पांच, हमीरपुर में महिला और एक वृद्ध किसान, उन्नाव में चचेरे भाई-बहन, घाटमपुर में एक युवक और बांदा में एक युवती की मौत हो गई। फर्रुखाबाद में वज्रपात से नौ और फतेहपुर में पांच ग्रामीण झुलस गए। घाटमपुर में 34 बकरियों समेत 39 मवेशियों की मौत हो गई। उरई के महेवा में तीन और चित्रकूट दो भैंसों ने दम तोड़ दिया।
जालौन के देवकली में एक घर क्षतिग्रस्त हो गया, कई गांवों में बिजली से चलने वाले उपकरण फुंक गए। वज्रपात से फीरोजाबाद के गांव नगला ऊमर में किसान हेमराज व उनके पड़ोसी रामसेवक की मृत्यु हो गई। गांव नगला चाट में धान की रोपाई कर रहे किसान अमर सिंह कुशवाह की मृत्यु हो गई। मक्खनपुर के गांव ऊंधनी में छोटेलाल यादव की सहित एक गोवंश की मौत हो गई। श्रावस्ती के बरगदहा गांव के कलकलवा मार्जिन बांध के पास तेज गरज व चमक के साथ खेत में बिजली गिरने से धान की रोपाई करने गईं नौ महिलाएं झुलस गईं। सभी का सीएचसी मल्हीपुर में इलाज चल रहा है। सीएचसी अधीक्षक रवींद्र सोनकर ने बताया कि महिलाओं को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
सोनभद्र के ओबरा में घर के पास बिजली गिरने से मासूम को स्तनपान करा रही मां की हृदयाघात से मौत हो गई, जबकि मासूम सुरक्षित बच गया। उधर, मीरजापुर जिले के मड़िहान थाना अंतर्गत रिक्शा खुर्द निवासी राजकुमार के पुत्र विकल की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से रविवार की शाम मौत हो गई। विकल घर से 400 मीटर दूर अपनी गाय चराने पथरहिया सिवान में गया था।