Ayodhya Case Verdict: 350 मजिस्ट्रेटों ने सुप्रीम फैसले के बाद संभाला मोर्चा, 250 संवेदनशील इलाकों पर रही पैनी नजर
पगडंडियों पर भी रहा पहरा। 250 संवेदनशील गांव पंचायत सचिव व लेखपाल की निगरानी में।
अयोध्या [आनंदमोहन]। अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट से आए निर्णय के मद्देनजर सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंधन का ही कमाल रहा कि पुलिस बल को डंडा फटकारने की नौबत तक नहीं आई। अयोध्या को कनेक्ट करने वाले हर रास्ते पर पहरा बिठाया गया था। पगडंडियों से कोई रामनगरी न पहुंच जाए, पहरेदारी के लिए पुलिस कर्मी लगे थे। जिले में चिह्नित 250 संवेदनशील ग्राम लेखपाल एवं पंचायत सचिवों के हवाले रहे। कलेक्ट्रेट में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में बने कंट्रोल रूम से इन सबको जोड़ा गया था। फैसला आने के बाद शांतिपूर्ण स्थित बनाए रखने के लिए लगभग 350 मजिस्ट्रेट लगाए गए थे।
सुप्रीमकोर्ट के फैसले की अध्यक्षता के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष/उप संचालक चकबंदी तरुण मिश्र जिलाधिकारी के कक्ष में आकर सुबह 10.30 बजे आकर बैठ गए थे। शुक्रवार को रात सवा नौ बजे के करीब जब जिलाधिकारी बैठक कर रहे थे, उसी वक्त शनिवार को सुबह 10.30 बजे फैसला आने की सूचना के बाद तत्काल सुरक्षा प्रबंधों के लिए तैनात मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल को अपने-अपने ड्यूटी प्वाइंट पर जाने का हुक्म सुनाया।
उसी सुरक्षा प्रबंधन का नतीजा रहा फैसला आने के बाद हर क्षेत्र से आल ओके की खबर मिलती रही। प्रशासनिक फोकस सबसे ज्यादा मिश्रित आबादी वाले गांवों पर रहा। कमिश्नर मनोज मिश्र, आइजी डॉ संजीव गुप्त, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा व एसएसपी आशीष तिवारी समेत प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी मोबाइल रहे।
रामनगरी के बैरियर
सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने से पहले रामनगरी में सरयू ब्रिज दक्षिणी किनारा, लकड़मंड़ी तिराहा, फोरलेन पुल का दक्षिणी किनारा, साकेत पेट्रोल पंप तिराहा, बंधा तिराहा, गांधी आश्रम तिराहा, हनुमान गुफा, रामघाट हाल्ट रेलवे स्टेशन, बरहेटा, रामसेवकपुरम, नई कार्यशाला, हनुमानगढ़ी चौराहा, श्रृंगार हाट तिराहा, पोस्ट आफिस तिराहा, देवकाली तिराहा, तुलसी उद्यान,उर्दू बाजार तिराहा, जानकी महल मोड़, छोटी छावनी मोड़, रामघाट चौराहा, कारसेवकपुरम, वासुदेव तिराहा, रामघाट पुरानी कार्यशाला, तपसी छावनी तिराहा, बरगदही तिराहा, रानी बाजार, दंतधावन कुंड तिराहा, हनुमानगढ़ी मोड़, प्रमोद वन तिराहा समेत 50 से ज्यादा स्थानों की घेराबंदी की गई थी।