Engineering Day 2020: चार घंटे एसी बंद करके बचा रहे मेट्रो स्टेशनों पर 25 फीसद बिजली
Engineering Day 2020 कुमार केशव नायाब तरीका - इन्वर्टर की बिजली से रात में रोशन होते हैं मेट्रो स्टेशन। एसी का तापमान 24 से बढ़ाकर 30 डिग्री सेल्सियस किया गया।
लखनऊ [अंशू दीक्षित]। Engineering Day 2020: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के विद्युत अभियंताओं ने अपने बिजली बिल के खर्चों में कटौती लाने के लिए सात सितंबर 2020 से एक प्रयोग शुरू किया था, जो पूरी तरह से सफल रहा। इस नए प्रयोग से लखनऊ मेट्रो हर दिन 25 फीसद बिजली बचाने में सफल हुआ है। खासबात है कि मेट्रो ने उस समय को चुना जब यात्रियों का ग्राफ काफी कम होता है। इस दौरान लखनऊ मेट्रो अपने सभी स्टेशनों के एसी बंद कर देता है।
यह समय होता है सुबह छह बजे से सुबह आठ बजे तक और रात में आठ बजे से रात दस बजे तक। यही नहीं मेट्रो ने अपने प्रशासनिक भवन, डिपो, स्टेशन और मेट्रो के भीतर एसी का तापमान भी 24 डिग्री सेल्सियस से बढ़ाकर 30 डिग्री सेल्सियस कर दिया है। इससे लाखों का बिल कम होने का अनुमान लगाया गया है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि नार्थ साउथ कॉरिडोर के 23 किमी. रूट पर पड़ने वाले 21 स्टेशनों पर कूलिंग टाइम सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक रखा गया है। इन बारह घंटों में यात्रियों का आवागमन सबसे ज्यादा होता है। कोविड 19 के कारण मेट्रो व स्टेशनों के एसी का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस कर दिया गया है। इस नए प्रयोग से यात्रियों के दिमाग में जो ज्यादा कूलिंग की बात थी, वह कम हो गई है। इस काम को लेकर कई यात्रियों ने मेट्रो की सराहना भी की है।
उन्होंने बताया कि यात्रियों को पहले भूमिगत स्टेशनों पर ठंडी हवा देने के लिए एसी की हवा को और ठंडा करके मुहैया कराई जाती थी। अब कोविड 19 को देखते हुए अब भूमिगत स्टेशनों में लगे प्लांट की मदद से बाहर से ताजी हवा को लेकर यात्रियों को मुहैया कराई जा रही है। इससे स्टेशन पर कूलिंग सामान्य रहती है लेकिन यात्रियों को ताजी हवा मिलती है और कोविड 19 को लेकर यात्रियों के मन में जो भी भ्रम थे वह भी दूर हो गए।
रात में इन्वर्टर से रोशन होते हैं स्टेशन
मेट्रो रात दस बजे से सुबह छह बजे तक अपने स्टेशनों की बिजली सिर्फ 25 फीसद ही जलाता है। वही एलइडी व उपकरण जलते हैं जो इन्वर्टर से कनेक्ट हैं। इन आठ घंटों में मेट्रो को हर माह लाखों रुपये की बिजली बच रही है। यह प्रयोग मेट्रो ने उस वक्त शुरू किया जब मेट्रो लॉक डाउन के दौरान बंद थी। इस नए प्रयास से हर माह लाखों रुपये का बिजली बिल कम हो गया।