Move to Jagran APP

लखनऊ के 200 घरों में आजादी के बाद भी अंधेरा, सौभाग्य योजना करोड़ों खर्च कर भी नहीं आई बिजली

सौभाग्य योजना के अंतर्गत घर-घर बिजली पहुंचाई गई इसके बाद भी राजधानी के रहीमाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वृंदावन गांव में आज भी बिजली नहीं पहुंची। दो सौ की आबादी वाले इस गांव में आज भी चालीस घर ऐसे हैं जिन्हें बिजली आने का इंतजार है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 03:56 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:34 AM (IST)
लखनऊ के 200 घरों में आजादी के बाद भी अंधेरा, सौभाग्य योजना करोड़ों खर्च कर भी नहीं आई बिजली
लखनऊ के रहीमाबाद के वृंदावन ग्राम पंचायत के ससपन मजरे में नहीं पहुंची आज तक बिजली।

लखनऊ, [आशीष पांडे]। सौभाग्य योजना के अंतर्गत घर-घर बिजली पहुंचाई गई, इसके बाद भी राजधानी के रहीमाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वृंदावन गांव में आज भी बिजली नहीं पहुंची। दो सौ की आबादी वाले इस गांव में आज भी चालीस घर ऐसे हैं, जिन्हें बिजली आने का इंतजार है। देश दुनिया से कटे इस गांव के लोग अपने मोबाइल रिचार्ज करने के लिए आज भी दूसरे गांवों में जाते हैं। यह हाल राजधानी का है। अभियंता दावा करते हैं कि कोई घर ऐसा नहीं है जहां बिजली न पहुंची हो।फिलहाल वर्ष 2020 की दीपावली भी निकल गई और बिजली नहीं पहुंची। यह उदासीनता यहां के स्थानीय अभियंताओं के कारण ज्यादा है, क्योंकि ग्रामीण कई बार अभियंताओं से मिल चुके हैं, लेकिन झूठा आश्वासन देकर उन्हें चलता कर दिया जाता रहा है। 

loksabha election banner

ग्रामीण दीपू पाल, हरिश्चन्द्र कहते हैं कि बिजली के बिना रहने की आदत पड़ गई है, लेकिन अब बिजली अगर गांव न पहुंची तो वह हर मामले में पीछे रह जाएंगे। बच्चों की पढ़ाई से लेकर देश दुनिया की जानकारी जो टीवी पर मिलती है, वह भी नहीं मिल पा रही है। यही नहीं गांव में शादियां तक प्रभावित हो रही हैं। ग्रामीणों के मुताबिक गांव वृन्दावन ग्राम पंचायत ससपन का मजरा है। ग्रामीण दावा करते हैं कि घरों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काफी दिनों से प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों का तर्क है कि हर मजरे में जब बिजली पहुंचाई जा रही है तो हमारे मजरे को आखिर क्यों छोड़ा गया। ? वहीं बिजली विभाग उन गांवों मे कुछ घरों मे बिजली कनेक्शन देकर अपनी पीठ थपथपा रहा है मगर इन ग्रामीणों का दर्द आखिर क्यों नही समझ रहा है।

अधीक्षण अभियंता डीके त्रिपाठी ने बताया कि वैसे होना नहीं चाहिए, फिर भी टीम भेजकर मौके पर पता करवाया जाता है। अगर ऐसा है तो बिजली पहुंचाई जाएगी। कोई मजरा बिजली से अछूता आखिर कैसे रह सकता है। बिजली देना प्राथमिकता में है। यही नहीं स्थानीय अभियंताओं की जवाबदेही भी तय होगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.