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अब मैं हीरो कहां..! गुरुग्राम में एकाकी जीवन जी रहे 1971 भारत-पाक युद्ध के नायक पूर्व वायुसेनाध्यक्ष

जिन पूर्व सैनिक को नहीं खोज पाई उत्तर प्रदेश सकार उनमें पूर्व वायुसेनाध्यक्ष कृष्ण कौल ने दैनिक जागरण ने साधा संपर्क।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 07:58 AM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 08:15 AM (IST)
अब मैं हीरो कहां..! गुरुग्राम में एकाकी जीवन जी रहे 1971 भारत-पाक युद्ध के नायक पूर्व वायुसेनाध्यक्ष
अब मैं हीरो कहां..! गुरुग्राम में एकाकी जीवन जी रहे 1971 भारत-पाक युद्ध के नायक पूर्व वायुसेनाध्यक्ष

लखनऊ [निशांत यादव]। प्रदेश सरकार का सैनिक कल्याण बोर्ड 1965 और 71 के जिन 66 गुमनाम नायकों को नहीं खोज पा रहा है, उनमें से एक वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) स्वरूप कृष्ण कौल से 'दैनिक जागरणÓ ने संपर्क साध लिया है। वे इन दिनों गुरुग्राम में एकाकी जीवन जी रहे हैं। करीब 84 साल की उम्र के पड़ाव पर पहुंचने तक पत्नी का साथ छूट गया है। दो बेटियों में बड़ी की 39 साल की उम्र में कैंसर से मौत हो गई, जबकि छोटी बेटी परिवार सहित मुंबई में रहती है। कभी तबीयत ठीक रहती तो कभी बिगड़ जाती है। इस उम्र में अकेलापन और खुद का ख्याल रखने की जिद्दोजहद से जूझ रहे हैं। कभी हवा में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले इस जांबाज से जब फोन पर हालचाल पूछे तो दर्द तुरंत ही छलक आया। यह कहते हुए कि अब मैं हीरो कहां..!

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लखनऊ के कश्मीरी मुहल्ले में 20 दिसंबर 1934 को जन्मे एयर चीफ मार्शल के पिता रेलवे कर्मचारी थे। करीब 17 साल पहले शहर से नाता टूट गया। सात साल पहले पत्नी नीता कौल की मौत हो गई। तब से एकाकी जीवन जी रहे हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में उनका यह दर्द बखूबी झलका। बोले, सुबह होती है तो शाम के इंतजार में समय कट जाता है। जब शाम होती है तो सुबह का इंतजार। भारतीय वायुसेना समय-समय पर उनको याद जरूर करती है, लेकिन लोग इस बात से अनजान हैं कि देश का नायक आज अकेलेपन से जूझ रहा है।

पूरा किया था सबसे कठिन टास्क

सन 1971 के भारत-पाक युद्ध में बमवर्षक स्क्वाड्रन का नेतृत्व तब विंग कमांडर स्वरूप कृष्ण कौल कर रहे थे। उन्हें भारतीय सेना को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तानी सेना की बेहद करीब से फोटो हासिल करने का टास्क मिला था। उन्होंने बहादुरी के साथ कोमिल्ला, सिलहट और सैदपुर से शत्रु क्षेत्रों के फोटो जमीन से केवल 200 फीट की ऊंचाई से उड़ान भरकर हासिल कीं। तेजगांव और कुरमटोला हवाई अड्डों के ऊपर भी टोह लेते हुए पाकिस्तानी वायुसेना के चार विमानों को मार गिराया। 

इसलिए तलाशे जा रहे जांबाज 

प्रदेश सरकार के सैनिक कल्याण बोर्ड ने 66 गुमनाम नायकों का पता लगाने के लिए रक्षा मंत्रालय के एजी ब्रांच को पत्र भेजा है। इनमें एयर चीफ मार्शल कौल भी हैं। राज्य सरकार ने पिछले साल ही 1986 से पूर्व वीरता पदक पाने वाले जांबाजों को पदक राशि देने की घोषणा की थी, जो पूरी नहीं हो पा रही है।


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