सीएम आवास के पास बच्चों संग आत्मदाह की कोशिश
जागरण संवाददाता, लखनऊ : वजीर हसन रोड स्थित एलडीए के पुराने प्लाटों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुरुव
जागरण संवाददाता, लखनऊ : वजीर हसन रोड स्थित एलडीए के पुराने प्लाटों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को अवैध कब्जा हटा कर 12 आवंटियों को कब्जा दिलाया गया। मौके पर तो कोई विरोध नहीं हुआ, लेकिन दोपहर में कब्जे के आरोपी मजहर खान अपनी पत्नी सुरैया के साथ कालीदास मार्ग मुख्यमंत्री आवास के नजदीक पहुंच गए। जहां सुरैया ने अपने शरीर पर केरोसिन छिड़क लिया। यह मंजर देखते ही पुलिस बल सकते में आ गया। आनन-फानन महिला पुलिस के सहयोग से सुरैया और उसके पति को काबू में किया गया। जहां से पुलिस दोनों को गौतमपल्ली थाने ले गई। बाद में सुरैया को महिला थाने के सिपुर्द कर दिया गया। एलडीए का दावा है कि मजहर खान का कब्जा अवैध था। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ आदेश फरवरी में किया था। इसलिए अवैध कब्जा हटा कर आवंटियों को कब्जा दे दिया गया है। जबकि मजहर ने एलडीए पर अदालती प्रक्रिया जारी होने के बावजूद जबरन कार्रवाई का आरोप लगाया है।
दोपहर करीब 12:30 बजे एलडीए का दस्ता वजीर हसन रोड पर पहुंचा। इससे पहले 12 मार्च को प्राधिकरण की टीम यहां नापजोख कर चुकी थी। प्राधिकरण के संयुक्त सचिव विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि एलडीए की टीम पुलिस व पीएसी के साथ जब यहां पहुंची तो कब्जेदार का घर खुला हुआ था। जिसके बाद में कार्रवाई शुरू की गई। दो जेसीबी की मदद से करीब एक एकड़ भूमि को समतल कर दिया गया। इस दौरान कुछ झोपड़-पट्टी वाले यहां से अपना सामान समेट कर निकल गए। विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि मौके पर कोई विरोध नहीं किया गया। सात आवंटियों को कब्जा देने की लिखापढ़ी मौके पर ही की गई।
आत्मदाह करने के लिए स्कूल यूनिफार्म में साथ लाए बच्चे
मजहर खान और उनकी पत्नी सुरैया आत्मदाह करने अपने साथ में स्कूल यूनिफार्म में बच्चों को भी ले गए थे। मगर खुद पर केरोसिन केवल सुरैया ने छिड़का। वे लगातार एलडीए की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। शोर सुन कर पुलिस ने तुरंत पूरे परिवार को काबू किया। सभी को गौतमपल्ली थाने ले गई। मजहर खान का आरोप है कि अदालत में ये प्रक्रिया चल रही थी, इस बीच में प्राधिकरण ने बिना नोटिस के कार्रवाई की। हमें सामान तक नहीं हटाने दिया गया।
पुराने आवंटियों को निर्माण से रोक रहे थे मजहर: विश्वभूषण
एलडीए के संयुक्त सचिव विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि मजहर हुसैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में आदेश दिया था। वे कब्जा नहीं छोड़ रहे थे। यहां तक की प्राधिकरण की वजीर हसन योजना के जो आवंटी यहां कब्जा कर चुके थे, उनको निर्माण करने से भी रोक रहे थे।