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उप्र में आफत बन बरस रहे बदरा, सड़क, रेल यातायात बाधित 17 लोगों की मौत

सड़कों, रेल लाइन व रन वे में पानी भरने से यातायात बाधित रहा, ट्रेने की रफ्तार थमी, फ्लाइट रद हुई। बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में 17 लोगों की जान चली गई।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 27 Jul 2018 08:37 AM (IST)Updated: Fri, 27 Jul 2018 02:49 PM (IST)
उप्र में आफत बन बरस रहे बदरा, सड़क, रेल यातायात बाधित 17 लोगों की मौत
उप्र में आफत बन बरस रहे बदरा, सड़क, रेल यातायात बाधित 17 लोगों की मौत

लखनऊ (जेएनएन)। लगातार हो रही बारिश राहत के साथ आफत लेकर आई। प्रदेश में गुरुवार को भी कहीं तेज तो कहीं धीमी गति से यह सिलसिला रात तक जारी रहा। कई जगह मकान गिर गए, सड़कें धंस गईं। सड़कों, रेल लाइन व रन वे में पानी भरने से यातायात बाधित रहा, ट्रेने की रफ्तार थमी, फ्लाइट रद हुई। बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में 17 लोगों की जान चली गई।

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राजधानी लखनऊ में बीती रात से हो रही बारिश सुबह भी जारी रही। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार लगातार हो रही बारिश का दौर अगले दो-तीन दिन कुछ कम होगा। कानपुर में बारिश से तापमान में गिरावट आई लोगों को गर्मी से सुकून मिला। कन्नौज में पूरे दिन बारिश होती रही। गुरुवार को भी पूर्वांचल के कई जिलों में बादलों ने झूमकर पानी गिराया। प्रतापगढ़ के कुंडा क्षेत्र में दीवार गिरने से उसमें दबकर मासूम की मौत हो गई। पुलिया टूटने से गांव का संपर्क भी टूट गया। इलाहाबाद में सड़कों के जगह-जगह धंस जाने से जाम लग रहा है। कौशांबी में कुछ गांव में घर भी गिरे, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई।

ब्रज के सभी जिलों में बुधवार रात से अनवरत जारी बारिश से गुरुवार को जल प्रलय जैसे हालात बन गए। मलबे की चपेट में आकर आगरा, मथुरा और मैनपुरी में चार बच्चों समेत नौ लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए। आगरा-जयपुर के बीच गुरुवार से प्रस्तावित फ्लाइट को रनवे पर पानी भरने के चलते रद कर दिया गया। जगह-जगह रेल ट्रैक पर जलभराव होने से सेमी हाईस्पीड गतिमान एक्सप्रेस, भोपाल शताब्दी और ताज एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें विलंब से आगरा पहुंचीं।

बसों का परिचालन भी प्रभावित रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थानों पर सड़क धंस गई और पुलिया बहने से आवागमन अवरुद्ध हो गया। आगरा में उर्खरा रोड स्थित मीरा विहार में जलभराव से करीब 500 लोग फंस गए। इन परिवारों को पीएसी ने स्टीमर के जरिए बाहर निकाला। गुरुवार से यहां हेलीकॉप्टर से मुडिय़ा मेला परिक्रमा शुरू होनी थी, जो खराब मौसम के चलते स्थगित कर दी गई।

मुरादाबाद के लाजपत नगर में निर्माणाधीन नाले की दीवार गिर गई। दो जगह सड़क धंस गई। अमरोहा में प्राथमिक विद्यालय की छत गिर गई। गाजियाबाद के चाल्र्स कैसल और सुपर विलेज सोसायटी में जमीन धंस गई और दीवारों में दरारें आ गईं। शहीद नगर में तीन मंजिला मकान का एक हिस्सा गिरने से छात्रा की मौत हो गई। ट्रांस हिंडन के वसुंधरा में वार्तालोक और प्रज्ञा कुंज सोसायटी के पास पड़ोस के बिल्डर के प्लॉट में बेसमेंट के लिए खोदे गए गड्ढे में पानी भरने से मिट्टी कट गई और सड़क धंस गई।

सड़क पर दो जगह करीब तीस फीट गहरा और 35 फीट चौड़ा गड्ढा हो गया। एनडीआरएफ ने राहत कार्य चला अपार्टमेंट खाली कराए। शिप्रा सन सिटी में जमा पानी में करंट उतर आया, जिसकी चपेट में आने से निजी कंपनी के प्रबंधक की मौत हो गई। मुबारकपुर गांव में मकान गिर गया। दयानतपुर गांव के जूनियर हाईस्कूल की दीवार और नोएडा के सेक्टर 71 में एक मकान की दीवार गिर गई। हापुड़ में दीवार गिरने से मलबे में दबकर तीन साल के बच्चे की मौत हो गई।

मेरठ के खरखौदा में मकान गिरने से वृद्धा की मौत हो गई। मुजफ्फरनगर में करंट से दो किशोरों व बिजली का पोल गिरने से एक महिला की मौत हो गई। शामली में पांच लोग घायल हो गए। बागपत में अंडरपास के पास मिट्टी धंसने से आधा घंटे तक रेल यातायात प्रभावित रहा।

शारदा व घाघरा उफनी, दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिरे

लखनऊ : पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से अवध क्षेत्र की नदियां उफान पर हैं। शारदा व घाघरा नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। नदियों के उफनाने से दर्जनों गांव पानी से घिर गए हैं। कई सड़कों पर पानी चलने से आवागमन में दिक्कत हो रही है।

बहराइच में एल्गिन ब्रिज पर घाघरा खतरे के निशान से 13 सेमी ऊपर बह रही है। निचले क्षेत्रों के गांव बाढ़ के पानी से घिरने लगे हैं। महसी तहसील के गोलागंज के कोठार में 10 बीघा खेत नदी की धारा में समा गया। 65 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सरयू, शारदा व गिरिजापुरी बैराजों से दो लाख 15 हजार 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। लखीमपुर में शारदा लाल निशान पार कर गई है। कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। सीतापुर में घाघरा व शारदा नदियों का जलस्तर स्थिर रहा।

कटान तेजी से हो रहा है। बसंतापुर, कोनी, हरखीबेहड़, म्योढ़ी छोलहा के पास नदियों ने 46 बीघा कृषि भूमि काट दी। कोनी गांव में दो घर नदी में समा गए। प्रभावित गांवों के लोग सुरक्षित स्थानों की ओर गृहस्थी का सामान लेकर पलायन कर रहे हैं। बाराबंकी में घाघरा नदी का जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान 106.070 मीटर से ऊपर स्थिर है।

आजमगढ़ में भी घाघरा नदी के जलस्तर में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है। कटान तेज हो गया है। देवारा खास राजा के मुराली का पूरा व त्रिलोकी के पुरा में आबादी के साथ ही खेती योग्य जमीन घाघरा में विलीन होती जा रही है। कटान के भय से लोगों का पलायन जारी है। शाम चार बजे डिघिया गेज पर नदी का जलस्तर 69.90 मीटर पर था। 


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