UP Board: 144 माध्यमिक स्कूलों को बनाया केंद्र, दागियों पर मेहरबानी-घटे परीक्षार्थी
144 माध्यमिक स्कूलों को बनाया केंद्र। दागियों पर रही मेहरबानी, सरकारी स्कूलों की हुई छटनी।
लखनऊ(जेएनएन)। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर प्रस्तावित सेंटरों की सूची जारी कर दी है। इस वर्ष परीक्षार्थी कम हैं, वहीं अधिक स्कूलों को केंद्र बनाया गया है। निजी व दागी माध्यमिक स्कूलों पर भी अफसरों की कृपा बरसी।
10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा सात फरवरी से हैं। राजधानी में इस बार 99 हजार, छह सौ छात्र-छात्राओं ने फॉर्म भरा है। वहीं बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सितंबर में ऑनलाइन ब्योरा मांगा था। करीब 766 स्कूलों ने केंद्र बनाने के लिए परिषद को संसाधन व लोकेशन की जियो टैगिंग की थी। वहीं सोमवार को डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार को भेजी गई सूची में 144 परीक्षा केंद्र तय किए गए हैं। गत वर्ष की अपेक्षा छात्रों की संख्या कम होने व सूची में दागी स्कूलों को केंद्र बनाए जाने पर ऑनलाइन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं।
गत वर्ष 136 बनाए गए थे केंद्र
सत्र 2017-18 में जनपद में एक लाख छह हजार, 424 छात्रों ने बोर्ड परीक्षा दी थी। इसके लिए 136 स्कूल व एक जेल को केंद्र बनाया गया था। वहीं इस बार छह हजार छात्रों की संख्या कम हुई है, बावजूद केंद्र अधिक बनाए गए हैं।
दागी स्कूलों पर भी मेहरबानी
परीक्षा केंद्रों की सूची में दागी स्कूलों को भी केंद्र बनाया गया है। पंजीकरण फर्जीवाड़ा समेत कई विवादों में रहे करीब आधा दर्जन से अधिक माध्यमिक स्कूलों को केंद्र बनाया गया है। यह गुड़मंडी, माल, मलिहाबाद क्षेत्र के स्कूल हैं।
कई सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों का पत्ता साफ
बोर्ड केंद्र निर्धारण में निजी स्कूलों पर अफसर मेहरबान रहे। स्थिति यह है कि 40 से अधिक राजकीय स्कूलों में से सिर्फ 10 स्कूलों को ही केंद्र बनाया गया है। वहीं 104 सहायता प्राप्त स्कूलों में से 65 को केंद्र बनाया गया। यही नहीं वर्षों से सूची में शामिल रहे सहायता प्राप्त क्वींस इंटर कॉलेज, ब्वॉयज एंग्लो बंगाली, बालिका इंटर कॉलेज, आर कन्या इंटर कॉलेज समेत कई कॉलेजों का पत्ता साफ कर दिया गया। वहीं निजी कॉलेजों को केंद्र बनाने में दरियादिली दिखाई गई। इसमें कई पहली बार परीक्षा केंद्र के रूप में शामिल किए गए।
विद्यालयों से मांगे गए प्रत्यावेदन
डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार ने केंद्रों की सूची कार्यालय में चस्पा करवा दी है। वहीं स्कूलों से शिकायत अन्य दिक्कतों संबंधी 12 नवंबर तक प्रत्यावेदन मांगे हैं। सूची में शामिल केंद्रों का अब स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। इसमें मानकों को पालन न करने वाले केंद्रों का नाम हटाया भी जा सकता है।
क्या कहते हैं अशिकारी ?
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्रा का कहना है कि परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में नियमों को दरकिनार किया गया। केंद्र बनाने में पहले सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों को वरीयता देनी चाहिए। इसके बाद निजी स्कूलों को केंद्र बनाने का नियम है। मगर, जिम्मेदारों ने निजी स्कूलों पर मेहरबानी की। संघ इसका विरोध करेगा।