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New Education Policy 2020 : यूपी में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए बनी 13 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी

यूपी में नई शिक्षा नीति को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए गठित स्टीयरिंग कमेटी माध्यमिक स्कूलों में पाठ्यक्रम को अपडेट करने व परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करने सहित कई सुझाव देगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 12:45 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 01:01 AM (IST)
New Education Policy 2020 : यूपी में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए बनी 13 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी
New Education Policy 2020 : यूपी में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए बनी 13 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में नई शिक्षा नीति 2020 को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया है। कमेटी में माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय को सचिव बनाया गया है। ये कमेटी माध्यमिक स्कूलों में पाठ्यक्रम को अपडेट करने और परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करने सहित कई महत्वपूर्ण सुझाव देगी। इसकी पहली बैठक बुधवार को होगी और इसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।

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नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए गठित स्टीयरिंग कमेटी में सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक गांगुली, माध्यमिक शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव संध्या तिवारी, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष महेश चंद्र पंत, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार, बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह, एनएसडीसी के पूर्व सीईओ जयंत कृष्णा, करियर काउंसलर अमृता दास, एसएचईएफ डॉ उर्वशी साहनी और माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव को पदेन सदस्य बनाया गया है। कमेटी द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को लागू किया जाएगा।

बता दें कि पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित विभागों की स्टीयरिंग कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे। कमेटी की अगली बैठक 28 सितंबर को होगी। टास्क फोर्स सभी पहलुओं पर निर्णय लेगी और अंतर विभागीय समन्वय स्थापित करेगी। डॉ. शर्मा ने कहा था कि इस नीति के पूरी तरह से लागू होने के बाद लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति का प्रभाव खत्म हो जाएगा। नई नीति के तहत भारत के विश्वविद्यालय विदेशों में अपने कैंपस खोल सकते हैं और विदेशी विश्वविद्यालयों के कैम्पस भारत में खुल सकते हैं।

उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा था कि इस नीति के तहत सभी श्रेणी और वर्गों के छात्र-छात्राओं को समान शिक्षा मिलेगी। 34 वर्षों के बाद ऐसी नीति आई है, जिसमें बुनियादी से लेकर उच्च शिक्षा के स्तर पर ध्यान दिया गया है। आने वाले समय में नई शिक्षा नीति का व्यापक प्रभाव दिखाई देगा। डॉ शर्मा ने कहा कि रोजगारपरक शिक्षा प्रारंभिक कक्षाओं से ही विद्यार्थियों को दी जाए। शिक्षा के दौरान ही रोजगार की संभावनाओं को हासिल किया जा सके।


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