मुख्यमंत्री सचिवालय से हटाये गए 12 समीक्षा अधिकारी
निजी सचिव व अपर निजी सचिव को हटाने से दो-तीन दिन पहले दस समीक्षा अधिकारियों और दो सहायक समीक्षा अधिकारियों को भी पंचम तल से विदा किया जा चुका है।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिकायत मिलने पर रविवार को अपने निजी सचिव और अपर निजी सचिव को अचानक हटाया तो यह साफ संदेश गया कि छवि और पारदर्शिता को लेकर वह सजग हैं लेकिन, यह बात सोमवार को सामने आई कि निजी सचिव व अपर निजी सचिव को हटाने से दो-तीन दिन पहले दस समीक्षा अधिकारियों और दो सहायक समीक्षा अधिकारियों को भी पंचम तल से विदा किया जा चुका है।
हालांकि यह फेरबदल हाल में लागू हुई सचिवालय सेवा की नई तबादला नीति की वजह से किया गया है, जिसमें पांच साल बाद स्थानांतरित किए जाने की व्यवस्था की गई है। फिर भी यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सचिवालय में अब सिर्फ साफ सुथरी छवि के ही लोग रह पाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने निजी सचिव दीपक श्रीवास्तव और अपर निजी सचिव काशीनाथ तिवारी को कई वजहों से हटाया था। इन दोनों अधिकारियों के बीच का टकराव योगी के कानों तक पहुंच गया था।
गत दिनों यूपीएसआइडीसी के मुख्य अभियंता अरुण मिश्र के पंचम तल तक पहुंचने में भी अधिकारियों की ही भूमिका थी। दागी छवि के अरुण मिश्रा द्वारा मुख्यमंत्री से मिलने का दावा करना योगी को नागवार लगा। इसके बाद ही पंचम तल पर तैनात अफसरों की समीक्षा शुरू हो गई। बताते हैं कि दर्जन भर अधिकारी नई तबादला नीति के दायरे में आ गए और उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया।