Move to Jagran APP

महिला व बाल अपराध पर सख्त यूपी सरकार, मिशन शक्ति के तहत 6 माह में 12 आरोपितों को फांसी की सजा

यूपी में मिशन शक्ति के तहत 17 अक्टूबर 2020 से 24 मार्च 2021 के बीच अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी के चलते 12 आरोपितों को फांसी की सजा दिलाने में कामयाबी मिली है जबकि 456 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 11:26 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 11:26 AM (IST)
महिला व बाल अपराध पर सख्त यूपी सरकार, मिशन शक्ति के तहत 6 माह में 12 आरोपितों को फांसी की सजा
मिशन शक्ति के तहत छह माह में 12 आरोपितों को फांसी की सजा दिलाने में कामयाबी मिली है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के योगी सरकार महिलाओं और बालिकाओं के साथ होने वाले अपराधों को गंभीरता से ले रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि जिस तरह एंटी रोमियो स्क्ववायड ने प्रभावी कार्रवाई की है वैसे ही हर जिले की पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई करे। मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई किए जाने को लेकर आला अफसर सक्रिय हो गए।

loksabha election banner

मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला व बाल अपराध की घटनाओं में पुलिस और अभियोजन विभाग ने अभियुक्तों के खिलाफ मजबूती से पैरवी कर रही है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत 17 अक्टूबर, 2020 से 24 मार्च, 2021 के बीच अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी के चलते 12 आरोपितों को फांसी की सजा दिलाने में कामयाबी मिली है, जबकि 456 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पांच माह की अवधि में 414 आरोपितों को 10 वर्ष व उससे अधिक का कारावास तथा 1178 आरोपितों को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा भी दिलाई गई है। इसके अलावा 503 आरोपितों को अर्थदंड दिलाया गया। एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय के अनुसार अभियान के तहत 1,580 आरोपितों को जिलाबदर कराया गया है तथा 9,881 आरोपितों की जमानत खारिज कराई गई है।

इसी प्रकार दुष्कर्म के बाद हत्या के संगीन मामलों में हापुड़, हाथरस, रायबरेली, बांदा, गाजियाबाद, हरदोई, जौनपुर, सुल्तानपुर व बुलंदशहर में 12 आरोपितों को फांसी की सजा दिलाई गई है। अलीगढ़ के थाना इगलास में एक बच्ची को अगवा करने का मामला 11 साल से लंबित था। इसमें तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा दिलाने में भी कामयाबी मिली है।

तीन वर्ष में 534 पर लगा रासुका : लोक व्यवस्था को भंग करने के गंभीर मामलों में शासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई के कदम बढ़ाए हैं। गृह विभाग के प्रवक्ता के अनुसार बीते तीन वर्षों में रासुका के तहत 534 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें 106 बंदी परामर्शदात्री परिषद की ओर से अवमुक्त किए गए, जबकि 50 बंदियों को उच्च न्यायालय ने रासुका से अवमुक्त किया। प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2020 में रासुका के सर्वाधिक 222 मामले दर्ज हुए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.