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पश्चिम बंगाल और लखनऊ में बरामद किए 101 गायब मोबाइल, सर्विलांस टीम ने गिरोह के सदस्यों को दबोचा

शहर से चोरी और गुम हुए लोगों के स्मार्ट मोबाइल फोन पश्चिम बंगाल और पुराने लखनऊ की नक्खास बाजार में बेचे जा रहे थे लेकिन लखनऊ के डीसीपी पूर्वी और सर्विलांस की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर गिरोह का राजफाश किया। टीम ने 101 मोबाइल बरामद किए।

By Vikas MishraEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 11:04 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 03:39 PM (IST)
पश्चिम बंगाल और लखनऊ में बरामद किए 101 गायब मोबाइल, सर्विलांस टीम ने गिरोह के सदस्यों को दबोचा
मोबाइल मिलने के बाद लोगों ने डीसीपी और सर्विलांस टीम को धन्यवाद दिया।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। शहर से चोरी और गुम हुए लोगों के स्मार्ट मोबाइल फोन पश्चिम बंगाल और पुराने लखनऊ की नक्खास बाजार में बेच रहे हैं। जी हां, यह राजफाश तब हुआ जब महीनों पहले गुम और चोरी हुए लोगों के 51 स्मार्ट मोबाइल फोन बीते दिनों डीसीपी पूर्वी अमित कुमार आनंद और दो दिन पहले 50 मोबाइल डीसीपी सेंट्रल डा ख्याति गर्ग की सर्विलांस टीम ने बरामद किया। बुधवार को यह मोबाइल जब पुन: उनके स्वामियों को डीसीपी ने अपने दफ्तर में बुलाकर दिए तो लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे। इसमें से अधिकतर लोग यह उम्मीद खो चुके थें कि उनके मोबाइल पुन: उन्हें मिलेंगे। मोबाइल मिलने के बाद लोगों ने डीसीपी और उनकी सर्विलांस टीम के प्रभारी रजनीश वर्मा को धन्यवाद दिया। 

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गोमतीनगर विस्तार निवासी विनय पांडेय ने बताया कि उनका मोबाइल बीते फरवरी माह में कहीं गिर गया था। गुमशुदगी दर्ज कराई। मोबाइल 15 हजार रुपये में खरीदा था। अब तो उम्मीद ही खत्म हो चुकी थी कि मोबाइल मिलेगा। सर्विलांस प्रभारी ने बताया कि विनय का मोबाइल पश्चिम बंगाल के मालदा से मिला। वहीं, ऐशबाग में रहने वाले सुधीर कुमार ने बताया कि उनका मोबाइल 11 मार्च को बाजार में छूट गया था। सुधीर का मोबाइल नक्खास बाजार में बेचा गया था। जिसे एक व्यक्ति ने चार हजार में खरीदा था। विजय सिंह ने बताया कि 23 जून को उनका मोबाइल चोरी हुआ था। उसके बाद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आज मोबाइल मिला तो खुशी का ठिकाना न रहा। विजय का मोबाइल पश्चिम बंगाल में मिला। सर्विलांस टीम ने अथक प्रयास करके मोबाइल बरामद किए।

सर्विलांस टीम के अथक प्रयास से बरामद हुए मोबाइलः डीसीपी ने बताया कि मोबाइल की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद उन्हें सर्विलांस पर लगाया गया है। आइएमईआइ नंबर से मोबाइल को ट्रेस किया जाता है। जहां भी लोकेशन मिलती है संबंधित जिले अथवा राज्य की पुलिस से संपर्क करके जानकारी दी जाती है। वहां पुलिस मोबाइल बरामद कर कुरियर कर भेजती है। जब एक ही जनपद में कई मोबाइल होते हैं तो यहां से टीम भी भेजी जाती है। मोबाइल बरामद करने वाली टीम में सिपाही राम निवासी शुक्ला, रिंकू कुमार, आनंद मणि सिंह व अन्य हैं। 

मजदूर और बच्चा गैंग के माध्यम से अन्य प्रदेशों में पहुंच रहे मोबाइलः अधिकतर लोग अपने मोबाइल जल्दबाजी में दुकानों, घने बाजारों में भूल जाते हैं। यहां आस पास खड़े बच्चे यह मोबाइल मौका पाते ही उड़ा देते हैं। इसके अलावा घरों में काम करने को आने वाले मजदूरों की भी निगाह अक्सर मोबाइल फोन पर रहती है। वह भी यह मोबाइल उड़ा देते हैं। लखनऊ में बड़ी संख्या में बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मजदूर काम कर रहे हैं। इसके अलावा भीख मांगने वाले बच्चे भी चोरी में सक्रिय हैं। इनके माध्यम से मोबाइल पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में पहुंच रहे हैं। यह लोग मोबाइल उड़ाकर उन्हें चार से पांच हजार रुपये में बेच देते हैं। पुलिस टीम ऐसे गिरोह की तलाश में दबिश दे रही है।


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