संविदा कर्मियों ने अधीक्षण अभियंता को घेरा, नारेबाजी
लखीमपुर गुरुवार को जिलेभर के संविदा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर अधीक्षण अभियंता कार्या

लखीमपुर : गुरुवार को जिलेभर के संविदा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर अधीक्षण अभियंता कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। संविदाकर्मी प्रदेश स्तरीय आठ बिदुओं की
मांग के साथ निघासन डिवीजन में एक संविदाकर्मी के शोषण का मुद्दा उठा रहे थे। अधीक्षण अभियंता रामशब्द से उप्र पावर कारपोरेशन निविदा संविदा संघ के प्रदेश पदाधिकारियों ने सभी बिदुओं व निघासन के संविदाकर्मी के शोषण पर वार्ता की, लेकिन अधीक्षण अभियंता के रवैये से संविदा संगठन के पदाधिकारी नाराज हो गए। जिसके बाद पावर हाउसों के संचालन कर रहे संविदा एसएसओ भी कार्य बहिष्कार में शामिल हो गए।
जिले में बिजली लाइनों पर काम करने वाले करीब 1200 संविदाकर्मी पिछले दो दिन से प्रांतीय आह्वान पर कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। इसमें पावर हाउसों पर संविदा पर एसएसओ पद पर तैनात कर्मचारी लगातार काम कर रहे थे। गुरुवार को भी संविदा एसएसओ को छोड़कर सैंकड़ों कर्मचारी अधीक्षण अभियंता पर धरना देने पहुंचे। संगठन के प्रदेश कार्यालय मंत्री गोपाल मिश्र, मध्यांचल जोन के अध्यक्ष मुकेश कठेरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र पांडेय, जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार मिश्र व महामंत्री अमित मिश्र ने अधीक्षण अभियंता ने वार्ता की। इस दौरान संविदाकर्मियों को ईएसआई का लाभ दिलाने, अवर अभियंता व ठेकेदार द्वारा गलत आरोप लगाकर वेतन काटने की प्रक्रिया बंद करने, कार्य के घंटे निर्धारित करने, ठेकेदार व अवर अभियंता द्वारा ट्रांसफर प्रक्रिया रोकने, बिल वसूली के दौरान सरकारी कर्मचारी की उपस्थिति अनिवार्य करने, ईपीएफ की केवाईसी कराने, निकाले गए संविदाकर्मियों को वापस लेने और भविष्य में धरना करने पर वेतन न काटने की मांग उठाई। साथ ही बताया कि निघासन डिवीजन के संगठन मंत्री मो. सैफ के कुशल होने के बावजूद अकुशल का वेतन दिया जा रहा है। इसका विरोध करने पर सैफ का स्थानांतरण 80 किलोमीटर दूर कर दिया गया। ऐसी समस्याएं सभी पावर हाउसों पर हैं। जिला महामंत्री अमित मिश्र का कहना है कि संगठन की मंशा थी कि हड़ताल से आम पब्लिक को परेशानी न हो, लेकिन समस्याओं पर अधीक्षण अभियंता का रवैया ठीक नहीं था। इसलिए पावर हाउसों के संविदा एसएसओ भी कार्य बहिष्कार कर हड़ताल में शामिल हो गए हैं। अब बिजली व्यवस्था चरमराने की पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी।
Edited By Jagran